जयपुर. राजस्थान में राजपूत समाज हीरक जयंती पर लाखों की संख्या में अनुशासित रहकर कार्यक्रम करते हुए अपनी ताकत को दिखा चुका है. राजपूत समाज के इस ताकत को सभी दल देख चुके हैं. अब निश्चित रूप से राज्यसभा में राजपूतों को एक राज्यसभा की सीट दी (Rajput society should get one seat in Rajya Sabha) जाए. यह हमारी मांग होगी. पदभार ग्रहण करते हुए यह मांग राजस्थान की कांग्रेस और भाजपा से राजपूत सभा के नवनियुक्त अध्यक्ष रामसिंह चंदलाइ ने रखी है.
चंदलाई ने कहा कि 'मैं भले ही गैर राजनीतिक संगठन का हिस्सा हूं, लेकिन मेरी कोशिश रहेगी कि राजपूतों को ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियों ओर अन्य पदों पर भागीदारी मिले'. उन्होंने कहा कि जिस भी दल में राजपूत समाज के नेताओं को आगे बढ़ाने की आवश्यकता होगी उनके पीछे एक अभिभावक के तौर पर राजपूत सभा खड़ी रहेगी. इसके साथ ही राम सिंह चंदलाई ने राजस्थान की गहलोत सरकार से देवस्थान बोर्ड और विप्र बोर्ड की तरह क्षत्रिय बोर्ड के गठन की भी मांग रखी है. उन्होंने कहा कि समाज ने उन पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए यह पद दिया है. ऐसे में उनका पहला काम शिक्षा के क्षेत्र में दूरदराज से जो बालिकाएं शहर में पढ़ने आती है उनके लिए निशुल्क शिक्षा और आवास की व्यवस्था करवाना होगा. साथ ही राजपूत समाज से आने वाले नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ियों के लिए अकादमी का निर्माण करने की भी कोशिश की जाएगी.
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समाज के सभी संगठन राज्यसभा सीट के लिए एक मंच परः 4 जुलाई को राजस्थान के चार राज्यसभा सीट खाली होने जा रही है. वर्तमान में यह चारों सीट भाजपा के पास है. लेकिन अब वर्तमान परिस्थितियों में तीन राज्यसभा सीट कांग्रेस और एक राज्यसभा सीट भाजपा के खाते में जाने के आसार बने हुए हैं. हालांकि एक सीट पर कशमकश होगी ऐसे में अब राजपूत समाज यह चाहता है कि 11 फ़ीसदी से ज्यादा जनसंख्या वाले इस समाज को भाजपा और कांग्रेस राज्यसभा (Ram Singh Chandlai demanded a seat for Rajputs in Rajya Sabha) में प्रतिनिधित्व दे. इसके लिए जहां हीरक जयंती पर राजपूत समाज की ओर से लाखों की संख्या में सम्मेलन जयपुर में आयोजित करके एक राजनीतिक दबाव बनाया गया है. वहीं उसके बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह रोहलसाबसर ने मंच साझा किया, उसे लगता है कि राजपूत समाज के सभी संगठन राज्यसभा में एक राजपूत को भेजने के लिए एक जाजम पर हैं. अपने वोटों की ताकत का अहसास करवाकर दोनों पार्टियों से राज्यसभा की सीट देने की मांग कर रहे हैं.