जयपुर: RLP प्रदेश प्रवक्ता राजपाल चौधरी ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. चौधरी का कहना है कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने प्रदेश में 2 हजार डॉक्टर्स की भर्ती निकाली थी. लेकिन अभी तक भर्ती पूरी नहीं होने पर अभ्यर्थियों में नाराजगी है. अभ्यर्थियों ने सरकार तक बात पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करके परीक्षा आयोजित करवाई. लेकिन दूसरी बार फिर से परीक्षा निरस्त होने पर अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है.
राजपाल चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में अभी चिकित्सकों का टोटा है. कई अस्पताल सिंगल चिकित्सा कर्मी के भरोसे चल रहे हैं. आए दिन कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में कोरोना पर काबू पाने के लिए डॉक्टरों की सख्त जरूरत है. वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल चौधरी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कोरोना काल में चिकित्सक अधिकारियों की कमी पूरा करने के लिए प्रदेश के सभी एमबीबीएस डिग्रीधारी को सीधे भर्ती देने का सरकार से आग्रह किया. लेकिन सरकार ने उस मांग को दरकिनार करते हुए 3 महीने बाद 12 जुलाई को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करवाई. जिसका 15 दिन के अंदर परिणाम जारी होना चाहिए था. लेकिन एक महीने बाद परिणाम जारी करने की बजाय परीक्षा को निरस्त कर दिया गया.
इसके बाद 13 अक्टूबर को परीक्षा आयोजित करवाई गई. लेकिन एमओ का पेपर पूरा होने से पहले पेपर को निरस्त करना इस ओर इशारा करता है कि कुछ मंत्री मिलकर इस परीक्षा में कालाबाजारी कर रहे हैं. बार-बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चेताने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने से साफ है कि सीएम गहलोत अपनी सरकार बचाए रखने के लिए मौन व्रत धारण लिया है. आज सरकार की लापरवाही का खामियाजा कोरोना से जूझ रही आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
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राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजपाल चौधरी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस मामले की जांच की जाए. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, नहीं तो पूरी पार्टी हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में सड़कों पर उतरेगी.