जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर हाल ही में गुजरात कांग्रेस के विधायकों की आबू रोड स्थित एक रिसोर्ट में की गई बाड़ेबंदी पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने गंभीर सवाल उठाए हैं. राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर महामारी एक्ट के उल्लंघन और प्रदेश सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी को तोड़ने का आरोप लगाया है.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह कोरोना संकट काल में प्रदेश सरकार पॉलिटिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए गुजरात के कांग्रेस विधायकों की राजस्थान में बाड़ाबंदी कर रही है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाए, वो कम है. राठौड़ ने कहा राजस्थान में होटल और रिसोर्ट खोलने की अनुमति 8 जून से जारी की गई थी, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार ने उसके 2 दिन पहले यानी 6 जून की रात को ही गुजरात से कांग्रेस विधायकों को राजस्थान बुलाकर आबूरोड के रिसोर्ट में बाड़ेबंदी कर दी.
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एक साथ इतने लोगों को रखना और उनके भोजन पानी की व्यवस्था में कई कर्मचारियों को जुटाना सीधे तौर पर सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी की धज्जियां उड़ी है. राठौड़ ने यह भी कहा प्रदेश सरकार ही कानून की धज्जियां उड़ाएगी तो उसकी रिपोर्ट आखिर कोई कहा करें.
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राठौर के अनुसार कुछ कार्यकर्ताओं ने इस मामले की पुलिस थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करानी चाही, लेकिन इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही शिकायत देने वालों की सुनवाई हो पाई. राठौर ने अपने बयान में कहा कि आज देश के अंदर बिखरती हुई कांग्रेस को एकजुट करने के लिए जिस प्रकार से बाड़ेबंदी कांग्रेस पार्टी को करनी पड़ रही है. वो दर्शाता है कि कांग्रेस अब खंड-खंड हो चुकी है.