ETV Bharat / city

सोने के पिंजरे में नजरबंद कांग्रेस सरकारः राजेंद्र राठौड़

विधायक खरीद-फरोख्त मामले में एसओजी ने राजद्रोह से जुड़ी तीनों FIR वापस ले ली है. इसके बाद अब प्रकरण की पत्रावली को एसीबी कोर्ट में भेजा जाएगा. इस मामले में राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर कठपुतली की तरह नाच रहे हैं.

Rajasthan BJP News,  Rajendra Rathore targeted Congress government
राजेंद्र राठौड़
author img

By

Published : Aug 4, 2020, 10:52 PM IST

जयपुर. प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच एसओजी की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विधायक विश्वेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा के खिलाफ दर्ज मामले में लगाई गई राजद्रोह की धारा 124 A को वापस हटा कर यह मामला एसीबी को दिए जाने पर सियासत जारी है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार को जुबानी हमला बोला है.

राठौड़ ने कहा कि यह प्रथम दिवस से ही ज्ञात था कि मात्र असंतुष्ट विधायकों में गिरफ्तारी का भय पैदा करने और फिर भी नहीं मानने पर उन्हें गिरफ्तार करने का षड्यंत्र रचते हुए एसओजी और एसीबी में सभी प्रकरण फर्जी दर्ज कराए गए थे. इस षड्यंत्र को अंजाम देने में चुनिंदा पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर कठपुतली की तरह नाच रहे हैं.

'सोने के पिंजरे में नजरबंद कांग्रेस सरकार'

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह षड्यंत्र रोजाना अनुसंधान के नाम पर टीम भेजने वाले अधिकारियों के कारनामे न्यायालय के समक्ष उजागर होते ही धराशाई हो गया और पहली ही पेशी में सरकार को धारा 124 A को वापस लेने का बयान मजबूरी में दर्ज करवाना पड़ा है.

पढ़ें- SOG द्वारा धारा 124 A हटाने पर सतीश पूनिया बोले- विधायकों को डरा रही थी सरकार

राठौड़ ने कहा कि विद्रोही विधायकों के विरुद्ध आइपीसी की धारा 124 A के अं​तर्गत राष्ट्रद्रोह के अपराध के अंतर्गत मुख्य सचेतक महेश जोशी ने प्रथम सूचना दर्ज करवाई गई थी. धारा 124 A के अपराध का अनुसंधान करने के लिए वर्ष 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में उच्च स्तरीय नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी का गठन किया गया था, लेकिन यह अत्यंत खेदजनक स्थिति है.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य के दुर्दांत अपराधियों को पकड़ने वाली एजेंसी के कर्ताधर्ता मुख्यमंत्री की निगाहों में नंबर बढ़वाने के लिए फर्जी FIR दर्ज कर आत्मसमर्पण कर बैठे हैं. उन्होंने कह कि पूरे देश के सामने आज राजस्थान पुलिस की भारी बेइज्जती करवा दी.

पढ़ें- विधायक खरीद-फरोख्त मामले में SOG ने राजद्रोह से जुड़ी तीनों FIR ली वापस

राठौड़ ने कहा कि अपनों के विद्रोह से आशंकित मुख्यमंत्री ने जैसलमेर में अपने ही विधायकों को होटल के एक कमरे से दूसरे कमरे में अनुमति ले कर जाने और जैमर लगाकर आपसी बातचीत तक प्रतिबंधित करने जैसा कार्य करके उनके मौलिक अधिकारों का हनन कर दिया है. यह लोकतंत्र में निंदनीय है.

वहीं, राजेंद्र राठौड़ ने 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम पर बोलते हुए कहा यह पल सभी देशवासियों के लिए ऐतिहासिक और गौरवशाली होंगे.

जयपुर. प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच एसओजी की ओर से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विधायक विश्वेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा के खिलाफ दर्ज मामले में लगाई गई राजद्रोह की धारा 124 A को वापस हटा कर यह मामला एसीबी को दिए जाने पर सियासत जारी है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार को जुबानी हमला बोला है.

राठौड़ ने कहा कि यह प्रथम दिवस से ही ज्ञात था कि मात्र असंतुष्ट विधायकों में गिरफ्तारी का भय पैदा करने और फिर भी नहीं मानने पर उन्हें गिरफ्तार करने का षड्यंत्र रचते हुए एसओजी और एसीबी में सभी प्रकरण फर्जी दर्ज कराए गए थे. इस षड्यंत्र को अंजाम देने में चुनिंदा पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के इशारे पर कठपुतली की तरह नाच रहे हैं.

'सोने के पिंजरे में नजरबंद कांग्रेस सरकार'

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह षड्यंत्र रोजाना अनुसंधान के नाम पर टीम भेजने वाले अधिकारियों के कारनामे न्यायालय के समक्ष उजागर होते ही धराशाई हो गया और पहली ही पेशी में सरकार को धारा 124 A को वापस लेने का बयान मजबूरी में दर्ज करवाना पड़ा है.

पढ़ें- SOG द्वारा धारा 124 A हटाने पर सतीश पूनिया बोले- विधायकों को डरा रही थी सरकार

राठौड़ ने कहा कि विद्रोही विधायकों के विरुद्ध आइपीसी की धारा 124 A के अं​तर्गत राष्ट्रद्रोह के अपराध के अंतर्गत मुख्य सचेतक महेश जोशी ने प्रथम सूचना दर्ज करवाई गई थी. धारा 124 A के अपराध का अनुसंधान करने के लिए वर्ष 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में उच्च स्तरीय नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी का गठन किया गया था, लेकिन यह अत्यंत खेदजनक स्थिति है.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य के दुर्दांत अपराधियों को पकड़ने वाली एजेंसी के कर्ताधर्ता मुख्यमंत्री की निगाहों में नंबर बढ़वाने के लिए फर्जी FIR दर्ज कर आत्मसमर्पण कर बैठे हैं. उन्होंने कह कि पूरे देश के सामने आज राजस्थान पुलिस की भारी बेइज्जती करवा दी.

पढ़ें- विधायक खरीद-फरोख्त मामले में SOG ने राजद्रोह से जुड़ी तीनों FIR ली वापस

राठौड़ ने कहा कि अपनों के विद्रोह से आशंकित मुख्यमंत्री ने जैसलमेर में अपने ही विधायकों को होटल के एक कमरे से दूसरे कमरे में अनुमति ले कर जाने और जैमर लगाकर आपसी बातचीत तक प्रतिबंधित करने जैसा कार्य करके उनके मौलिक अधिकारों का हनन कर दिया है. यह लोकतंत्र में निंदनीय है.

वहीं, राजेंद्र राठौड़ ने 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम पर बोलते हुए कहा यह पल सभी देशवासियों के लिए ऐतिहासिक और गौरवशाली होंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.