जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान का असर राजस्थान विधानसभा में कोरोना महामारी पर चर्चा के दौरान भी देखा गया. आलम यह रहा कि जब संसदीय कार्य मंत्री ने इस विषय पर बोलते हुए भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार किए तो जवाब में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने अपनी संबोधन की शुरुआत में ही कांग्रेस विधायकों और धारीवाल को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर स्वतंत्र होने की शुभकामनाएं देकर तंज कसा.
राठौड़ ने इस दौरान कांग्रेस में पड़ी फूट का भी उदाहरण दिया. साथ ही प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ बिगड़ती कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर खुलकर सरकार को घेरने का काम भी राजेंद्र राठौड़ ने किया. राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तूफान से पहले की शांति है. लेकिन शांति सरकार और कांग्रेस को कहां ले जाएगी यह देखते रहिए.
राठौड़ के अनुसार 34 दिन तक सरकार बाड़े में रही, लेकिन अब आलाकमान की दखल के बाद दूसरा विधायकों का गुट जयपुर पहुंचा तो सरकार अपने विधायकों को लेकर जैसलमेर के लिए उड़ान भर गई. मतलब जो शांति दिख रही है, वह तूफान से पहले की है.
सचिन पायलट का पढ़ दिया सियासी बायोडाटा
सदन में अपने संबोधन के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस में पड़ी फूट पर भी चुटकी ली. साथ ही यह भी जता दिया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लाने के पीछे असली मेहनत सचिन पायलट की रही, लेकिन मुख्यमंत्री बनने का अधिकार उनसे छीन लिया गया. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के जितने भी विधायक हैं, इनको टिकट जिस व्यक्ति के साइन पर मिले वही आज उनसे दूर है.
राठौड़ ने कहा कि 44 साल की उम्र में सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री बन गए और इस दौरान उन्होंने पायलट का पूरा सियासी बायोडाटा भी पढ़कर सदन में सुना दिया. हालांकि, इस पर सचिन पायलट ने खड़े होकर यह साफ कर दिया कि जो गिला शिकवा थे दूर हो गए और किसी भी कीमत पर पार्टी को झुकने नहीं देंगे.
50,000 से ज्यादा संक्रमित, 800 से ज्यादा मौत...
राठौड़ ने कोरोना महामारी से जुड़े प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के चलते संक्रमित लोगों के आंकड़े 50 हजार को पार कर गए हैं. साथ ही 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. लेकिन सरकार चलती हुई नहीं बल्कि बाड़े में नजर आई. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के 16 जिलों में टिड्डियों का प्रकोप दिखा और खुद सरकार ने स्वीकार किया कि 1100 करोड़ से ज्यादा फसलों को टिड्डियों ने चौपट कर दिया.
वहीं, राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार ने किसानों से ऋण माफ करने की बात कही थी, जो अब तक अधूरी है. उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में जो व्यक्तिगत जीवन बीमा सुरक्षा वसुंधरा राजे की सरकार में लाया गया था, उसे भी मौजूदा सरकार ने बंद कर दिया क्योंकि प्रदेश सरकार अपनी चहेती कंपनी को यह काम नहीं दे पाई.
बढ़े बिजली के बिल... कानून व्यवस्था चौपट
राजेंद्र राठौड़ ने अपने संबोधन के दौरान प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का भी जिक्र किया. साथ ही बिजली के बढ़े हुए बिलों से उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी को भी सदन में रखा. राठौड़ ने कहा कि पहले तो प्रदेश सरकार ने बिजली के दाम बढ़ा दिए, फिर विद्युत शुल्क और अन्य शुल्कों के नाम पर और चार्जेस बढ़ाते गए, जिससे जनता बेहद परेशान है.
वहीं, प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था किसी से छुपी हुई नहीं है. राजेंद्र राठौड़ ने इस दौरान जोधपुर में 11 पाक हिंदू विस्थापित लोगों की हुई मौत के मामले का भी जिक्र किया और पुलिस कस्टडी में पिछले दिनों अलग-अलग थाना क्षेत्र में हुई घटनाक्रम के बारे में भी बताया.
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ही गृहमंत्री हैं, लेकिन बिगड़ती कानून व्यवस्था पर वह अब तक मौन ही हैं. वहीं, बेरोजगार भी प्रदेश सरकार से उस वादे का हिसाब मांग रहा है जो चुनाव से पहले कांग्रेस ने किया था. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जब सत्ता पक्ष के लोग ही राजभवन में घेराव करें और मुख्यमंत्री यह चेतावनी दे दें यदि जनता घेराव करेगी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं, ऐसे में राज्यपाल अपनी सुरक्षा की गुहार आखिर कहां लगाएं.