जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रदेश में आंदोलनरत नवनिर्वाचित सरपंचों और पंचायत समितियों में चल रही आर्थिक खराब स्थिति का मामला उठा. शून्यकाल में स्थगन के जरिए प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने यह मामला उठाया और प्रदेश सरकार पर राजस्थान में पंचायत राज संस्थाओं के सत्यानाश करने का आरोप तक लगा दिया.
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि आज प्रदेश में 11344 नवनिर्वाचित सरपंच, पंचायत समितियों के सामने धरना दे रहे हैं. 5 मार्च को सभी सरपंच जिला कलेक्टर कार्यालय पर धरना देंगे और 8 मार्च को राजस्थान विधानसभा में यह अनिश्चितकालीन पड़ाव डालेंगे. राठौड़ ने कहा कि आज केंद्र ने 15वां वित्त आयोग बना दिया, लेकिन राजस्थान में अब तक छठा वित्त आयोग नहीं बन पाया, जिसके चलते साल 2019-20 और 2020- 21 वित्त आयोग के जरिए पंचायत समितियों को मिलने वाला पैसा अब तक नहीं मिल पाया.
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राठौड़ ने कहा कि सरकार ने केंद्र के जरिए मिले 2267 करोड़ रुपए में से 434 करोड़ खर्च कर दी है, लेकिन इसमें भी पंचायत समितियों को एक फूटी कौड़ी नहीं मिला. पिछले 2 साल से पंचायत समितियों के खाते में एक पैसा नहीं आया, जिससे ग्रामीण इलाकों में विकास का काम ठप पड़ा है. राठौड़ ने कहा कि 8 मार्च को सभी सरपंच जब विधानसभा के बाहर अनिश्चितकालीन पड़ाव डालेंगे तक सरकार क्या करेगी?