जयपुर. पंजाब कांग्रेस में चल रही सियासी उठापटक और कैप्टन अमरेंद्र सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राजस्थान में भी सियासी उबाल आ गया है. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अमरिंदर सिंह को लेकर एक ट्वीट किया जिस पर प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ ने कटाक्ष किया है. राठौड़ ने कहा कि सीएम गहलोत पहले खुद राजस्थान में मंत्रिमंडल का पुनर्गठन (cabinet reorganization in Rajasthan) करें और फिर कैप्टन अमरिंदर या अन्य तो सलाह दे.
रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने मौजूदा सियासी हालातों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि एक दर्जन से अधिक बार आलाकमान के दूत को बैरंग लौटाने वाले मुख्यमंत्री गहलोत कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) को अंतरात्मा की आवाज और आलाकमान की सलाह मानने की इस सलाह बाद में दे. पहले प्रदेश में मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करें.
राठौड़ ने कहा कि इस मामले में ट्वीट करने से अच्छा तो यह होता कि वो आलाकमान की बात मान लेते और अब तक मंत्रिमंडल का पुनर्गठन कर लेते. आज भी मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के इंतजार में वे लोग बैठे हैं, जो लंबे समय से इंतजार कर रहे थे कि कभी ना कभी ऐसा समय आएगा, जब आलाकमान के निर्देश की पालना में राज्य के मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करेंगे. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मैं समझता हूं पंजाब से ज्यादा राजस्थान कांग्रेस में अंतर्द्वद चल रहा है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है.
पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में होगा निर्णय, इसलिए गहलोत आलाकमान की मिजाजपुर्शी में लगे हैं
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने अपने बयान में यह भी कहा कि अब पंजाब के बाद उसी तर्ज पर राजस्थान में भी निर्णय होगा. इससे मुख्यमंत्री जी कांग्रेस आलाकमान की मिजाजपुर्शी में जुट गए हैं और इसी के चलते सोशल मीडिया में उन्होंने यह ट्वीट किया है. राठौड़ ने कहा कि हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के कुछ और होते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को खुद ही निर्णय करना चाहिए कि आलाकमान के निर्देश की राजस्थान में कितनी पालना हुई क्योंकि 14 महीने पहले जो समझौता कांग्रेस के प्रदेश नेताओं के अलग-अलग गुटों में हुआ था. उसकी ही पालना अब तक नहीं हुई.