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गहलोत पर राठौड़ का वार, कहा-जिनके घर शीशे के होते हैं, वो दूसरों पर पत्थर नहीं उछाला करते

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने भाजपा पर राजस्थान और महाराष्ट्र में सरकार को गिराए जाने का आरोप लगाया है. जिसके बाद राजस्थान में सियासी पारा बढ़ा हुआ है. इसी बीच उप ननेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने CM गहलोत को नसीहत दे डाली कि जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं उछाला करते.

Gehlot government, political crisis in Rajasthan
राठौड़ का CM गहलोत पर पलटवार
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Published : Dec 6, 2020, 11:36 AM IST

जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा पर राजस्थान और महाराष्ट्र में सरकार को गिराए जाने के बयान पर वक्तव्य जारी कर कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा कि अंर्तद्वंद्व से जूझती कांग्रेस पार्टी में विद्रोह कभी भी जगजाहिर हो सकता है, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसी बयानबाजी करके अपने विद्रोह को दबाने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा पर मनगढ़त आरोप लगाने की निकृष्ट राजनीति में लगे हुए हैं.

राठौड़ का CM गहलोत पर पलटवार

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि अपराध बोध से ग्रसित कांग्रेस सरकार (Gehlot government) के मुखिया स्वयं और कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी को नजरअंदाज कर भाजपा पर दोषारोपण करके कुंठा व्यक्त कर रहे हैं. किसी सरकार का 5 वर्ष तक शासन चलाना मुखिया का दायित्व होता है लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) हर क्षेत्र में अपनी विफलता पर आत्मपरीक्षण करने की बजाय अपराध बोध से ग्रसित होकर दूसरों को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं.

कहा-पुख्ता प्रमाण देने से क्यों घबरा रहे गहलोत

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के 2 साल का कालखंड पूरा होने वाला है लेकिन बार-बार मुख्यमंत्री का आपसी कलह से गिरती हुई अपनी सरकार को बचाने के लिए भाजपा को आरोपित करना हास्यापद है. जिस सरकार की बुनियाद ही अंतर्कलह और गुटबाजी पर टिकी हुई हो, उस सरकार का 5 साल का शासन पूरा करना स्वाभाविक रूप से असंभव हो जाता है. उनके अनुसार भाजपा द्वारा सरकार को गिराने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों में अगर जरा भी सच्चाई होती तो वह बयानबाजी करने के सिवाय कोई पुख्ता प्रमाण देने में क्यों घबरा रहे हैं ?

गहलोत अपने कुनबे को बांध रखने में असक्षम

राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार खुद हॉर्स ट्रेडिंग में लगी हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय भी चुनावी सभा में बीटीपी के 2 विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये देने की बात को स्वीकार कर अपनी ही खरीद-फरोख्त वाली कांग्रेस सरकार की कलई खोल चुके हैं. मंत्रिमंडल विस्तार और कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक नियुक्तियों में देरी इस बात का संकेत है कि प्रदेश के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कुनबे को बांध रखने में असक्षम साबित हो रहे हैं.

राजस्थान अशांति और अपराधियों का पनाहगार बना

उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है और दिन-प्रतिदिन विकराल रूप ले रही है. किसान, नौजवान, मजदूर व महिला सहित ऐसा कोई वर्ग नहीं बचा है जो सरकार से त्रस्त नहीं हुआ हो. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म से संबंधित अपराधों में देशभर में राजस्थान का पहला और महिलाओं के प्रति अपराधों में देशभर में दूसरा स्थान होना ये प्रमाणित करता है कि कांग्रेस राज में शांतिप्रिय राजस्थान अशांति और अपराधियों का पनाहगार बन गया है.

यह भी पढ़ें. अमित शाह ने कहा था कि राजस्थान सरकार गिराना मेरा प्रेस्टीज प्वाइंट है और इसे गिरा कर रहूंगा: CM गहलोत

राठौड़ ने बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार ने राज्य की 11344 ग्राम पंचायतों के वित्तीय हितों पर जबरदस्त प्रहार किया है. प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं की पंचम राज्य वित्त आयोग की वित्तीय वर्ष 2019-20 की प्रथम और दूसरी किश्त की कुल 2565 करोड़ रुपये की राशि तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 4000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित नहीं करना राज्य सरकार की ग्रामीण विकास विरोधी विचारधारा को प्रदर्शित करता है.

उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार विकास कार्यों के नाम पर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है. कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा किये गये कार्यों का लोकार्पण कर उनके शिलान्यास पट्टों पर अपना नाम लिखवाकर थोथी वाहवाही लूटने का काम कर रही है. जबकि विगत 2 वर्षों में विकास का कोई नया कार्य शुरु नहीं किया गया है. जिस सरकार की बुनियाद ही अतंर्कलह पर हो वहां विकास कार्य दूर की कौड़ी ही लगते हैं. वहीं कांग्रेस सरकार प्रदेश में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली दरों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी कर आम उपभोक्ता व किसानों पर अतिरिक्त भार डालकर महंगाई से उनकी कमर तोड़ने का काम कर रही है.

जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा पर राजस्थान और महाराष्ट्र में सरकार को गिराए जाने के बयान पर वक्तव्य जारी कर कड़े शब्दों में निंदा की है. उन्होंने कहा कि अंर्तद्वंद्व से जूझती कांग्रेस पार्टी में विद्रोह कभी भी जगजाहिर हो सकता है, इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसी बयानबाजी करके अपने विद्रोह को दबाने और जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा पर मनगढ़त आरोप लगाने की निकृष्ट राजनीति में लगे हुए हैं.

राठौड़ का CM गहलोत पर पलटवार

राठौड़ ने एक बयान जारी कर कहा कि अपराध बोध से ग्रसित कांग्रेस सरकार (Gehlot government) के मुखिया स्वयं और कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी को नजरअंदाज कर भाजपा पर दोषारोपण करके कुंठा व्यक्त कर रहे हैं. किसी सरकार का 5 वर्ष तक शासन चलाना मुखिया का दायित्व होता है लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) हर क्षेत्र में अपनी विफलता पर आत्मपरीक्षण करने की बजाय अपराध बोध से ग्रसित होकर दूसरों को दोषी ठहराने में लगे हुए हैं.

कहा-पुख्ता प्रमाण देने से क्यों घबरा रहे गहलोत

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के 2 साल का कालखंड पूरा होने वाला है लेकिन बार-बार मुख्यमंत्री का आपसी कलह से गिरती हुई अपनी सरकार को बचाने के लिए भाजपा को आरोपित करना हास्यापद है. जिस सरकार की बुनियाद ही अंतर्कलह और गुटबाजी पर टिकी हुई हो, उस सरकार का 5 साल का शासन पूरा करना स्वाभाविक रूप से असंभव हो जाता है. उनके अनुसार भाजपा द्वारा सरकार को गिराने के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों में अगर जरा भी सच्चाई होती तो वह बयानबाजी करने के सिवाय कोई पुख्ता प्रमाण देने में क्यों घबरा रहे हैं ?

गहलोत अपने कुनबे को बांध रखने में असक्षम

राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार खुद हॉर्स ट्रेडिंग में लगी हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय भी चुनावी सभा में बीटीपी के 2 विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये देने की बात को स्वीकार कर अपनी ही खरीद-फरोख्त वाली कांग्रेस सरकार की कलई खोल चुके हैं. मंत्रिमंडल विस्तार और कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक नियुक्तियों में देरी इस बात का संकेत है कि प्रदेश के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कुनबे को बांध रखने में असक्षम साबित हो रहे हैं.

राजस्थान अशांति और अपराधियों का पनाहगार बना

उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल में कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है और दिन-प्रतिदिन विकराल रूप ले रही है. किसान, नौजवान, मजदूर व महिला सहित ऐसा कोई वर्ग नहीं बचा है जो सरकार से त्रस्त नहीं हुआ हो. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म से संबंधित अपराधों में देशभर में राजस्थान का पहला और महिलाओं के प्रति अपराधों में देशभर में दूसरा स्थान होना ये प्रमाणित करता है कि कांग्रेस राज में शांतिप्रिय राजस्थान अशांति और अपराधियों का पनाहगार बन गया है.

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राठौड़ ने बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार ने राज्य की 11344 ग्राम पंचायतों के वित्तीय हितों पर जबरदस्त प्रहार किया है. प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं की पंचम राज्य वित्त आयोग की वित्तीय वर्ष 2019-20 की प्रथम और दूसरी किश्त की कुल 2565 करोड़ रुपये की राशि तथा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 4000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित नहीं करना राज्य सरकार की ग्रामीण विकास विरोधी विचारधारा को प्रदर्शित करता है.

उप नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार विकास कार्यों के नाम पर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है. कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा किये गये कार्यों का लोकार्पण कर उनके शिलान्यास पट्टों पर अपना नाम लिखवाकर थोथी वाहवाही लूटने का काम कर रही है. जबकि विगत 2 वर्षों में विकास का कोई नया कार्य शुरु नहीं किया गया है. जिस सरकार की बुनियाद ही अतंर्कलह पर हो वहां विकास कार्य दूर की कौड़ी ही लगते हैं. वहीं कांग्रेस सरकार प्रदेश में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली दरों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी कर आम उपभोक्ता व किसानों पर अतिरिक्त भार डालकर महंगाई से उनकी कमर तोड़ने का काम कर रही है.

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