जयपुर. प्रदेश में हाल ही राजनीतिक नियुक्तियों में कांग्रेस नेताओं को आयोग, बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है. कांग्रेस नेताओं में से तीन नेताओं को कैबिनेट व अन्य को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने तीन नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाना संविधान के अनुच्छेद 164 (1A) के खिलाफ बताया (BJP claims political appointments in Rajasthan against Constitution) है.
राजेंद्र राठौड़ ने मंगलवार शाम एक ट्वीट कर कहा (Rajendra Rathore on political appointments in Rajasthan) कि संविधान के अनुच्छेद 164 (1A) के प्रावधान के अंतर्गत राज्यों में मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी तक ही हो सकती है. लेकिन मौजूदा सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले तीन नेताओं को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर इस प्रावधान का सरासर उल्लंघन किया है.
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राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार आंतरिक विद्रोह को दबाने के लिए अवैधानिक पदों की रेवड़ियां राजनीतिक नियुक्तियों के माध्यम से बांटने का कार्य कर रही है. राजस्थान के सरकारी खजाने पर सफेद हाथी बांधने का काम कर रही है. हम कांग्रेस सरकार के इस असंवैधानिक फैसले का अध्ययन कर उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे. राठौड़ ने कहा कि उच्च न्यायालयों व उच्चतम न्यायालय भी अपने विभिन्न निर्णयों में ऐसी नियुक्तियों को संविधान के अनुच्छेद 164 (1A) के प्रावधान का उल्लंघन बताते हुए अवैध ठहरा चुका है. मुख्यमंत्री बार-बार संविधान के प्रावधानों की अवहेलना कर रहे हैं.
गौरतलब है कि सरकार ने राजनीतिक नियुक्ति पाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे डॉ चंद्रभान, पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे ब्रजकिशोर शर्मा और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे रामेश्वर डूडी को कैबिनेट मंत्री और अन्य सभी बोर्ड, निगम अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. डॉ चंद्रमोहन को बीसूका उपाध्यक्ष, ब्रजकिशोर शर्मा को राज्य खादी बोर्ड अध्यक्ष और रामेश्वर डूडी को एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया था. अब उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया.