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ताश के पत्तों की तरह जोड़ कर रखे गए विधायक कहीं इधर-उधर न गिर जाएं : राठौड़

राजस्थान में सियासी घटनाक्रम के बीच जहां एक तरफ सियासत अपने चरम पर है वहीं दूसरी ओर बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इसी बीच उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रेसवार्ता कर गहलोत सरकार पर जुबानी हमला किया है.

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उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की प्रेसवार्ता
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Published : Jul 24, 2020, 8:34 PM IST

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान और राजभवन में कांग्रेस विधायकों के धरने पर सियासत गरमाई हुई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसे कॉन्स्टिट्यूशन ब्रेकडाउन करार दिया है. भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि जिस प्रकार का नजारा अमरूदों के बाग में प्रदर्शनकारियों का होता था, ठीक वैसे ही नजारा राजभवन में अब नजर आने लगा है.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की प्रेसवार्ता

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने उदंड विधायकों के दम पर सदन बुलाने की मांग कर रहे हैं. वो संविधान के प्रावधानों और संविधानिक परंपराओं के भी प्रतिकूल हैं. राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री इस बात को मानते हैं कि डेढ़ साल तक उनकी और पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट से बात नहीं हुई. यह इस बात को सिद्ध करता है कि मौजूदा सरकार का पूरा कार्यकाल ही विरोध में बिता और पूरी सरकार दो गुटों में बंटी रही.

राठौड़ के अनुसार आज जो संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है, उसकी असली जड़ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के बीच चल रहा गतिरोध है. राठौड़ ने कहा कि जिस प्रकार अपमान की राजनीति चल रही है, उसने राजस्थान को दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है.

यह भी पढ़ेंः ऐसा पहली बार है जब सत्ता पक्ष सत्र बुलाना चाहता है और अनुमति नहीं मिल रही: CM गहलोत

राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि यह पूरा मामला अब न्यायालय में चल रहा है. साथ ही जिस तरह से हाईकोर्ट का यथास्थिति रखने को लेकर आदेश आया, उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बौखला गए और इस तरह का कृत्य उन्होंने कर डाला. राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री को डर है कि उनके ताश के पत्तों की तरह जोड़ कर रखे गए विधायक कहीं इधर-उधर गिर न जाएं.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान और राजभवन में कांग्रेस विधायकों के धरने पर सियासत गरमाई हुई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसे कॉन्स्टिट्यूशन ब्रेकडाउन करार दिया है. भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि जिस प्रकार का नजारा अमरूदों के बाग में प्रदर्शनकारियों का होता था, ठीक वैसे ही नजारा राजभवन में अब नजर आने लगा है.

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की प्रेसवार्ता

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने उदंड विधायकों के दम पर सदन बुलाने की मांग कर रहे हैं. वो संविधान के प्रावधानों और संविधानिक परंपराओं के भी प्रतिकूल हैं. राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री इस बात को मानते हैं कि डेढ़ साल तक उनकी और पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट से बात नहीं हुई. यह इस बात को सिद्ध करता है कि मौजूदा सरकार का पूरा कार्यकाल ही विरोध में बिता और पूरी सरकार दो गुटों में बंटी रही.

राठौड़ के अनुसार आज जो संवैधानिक संकट खड़ा हुआ है, उसकी असली जड़ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के बीच चल रहा गतिरोध है. राठौड़ ने कहा कि जिस प्रकार अपमान की राजनीति चल रही है, उसने राजस्थान को दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है.

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राजेंद्र राठौड़ ने यह भी कहा कि यह पूरा मामला अब न्यायालय में चल रहा है. साथ ही जिस तरह से हाईकोर्ट का यथास्थिति रखने को लेकर आदेश आया, उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बौखला गए और इस तरह का कृत्य उन्होंने कर डाला. राठौड़ के अनुसार मुख्यमंत्री को डर है कि उनके ताश के पत्तों की तरह जोड़ कर रखे गए विधायक कहीं इधर-उधर गिर न जाएं.

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