जयपुर. पेगासस फोन हैकिंग मामले में आए सियासी उबाल के बीच पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के लगाए आरोपों को प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने सिरे से खारिज कर दिया. साथ ही राठौड़ ने गहलोत सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में जिन लोगों के फोन सर्विलांस पर रखें गए उनके नंबर सार्वजनिक करने की भी मांग की है.
सीएम की ओर से सुप्रीम कोर्ट से इस प्रकरण की जांच से जुड़ी मांग पर भी राठौड़ ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब से सिद्धू को पंजाब पीसीसी चीफ बनाया गया है तब से अशोक गहलोत परेशान है और इस प्रकार के बयान दे रहे हैं.
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मंगलवार को पत्रकारों से रूबरू हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने लगातार दो दिन संसद में हंगामा करके उसे ठप रखा, लेकिन किसी भी कांग्रेस के नेता ने सदन के भीतर जो आरोप लगाए उससे जुड़ा कोई सबूत या फोन नंबर नहीं दिए. राठौड़ ने कहा जिन न्यूज एजेंसी ने ये दावा किया है वो तथ्यहीन और निराधार है. संसद में स्वयं आईटी मंत्री ने यह साफ कर दिया कि भारत में इस प्रकार के सॉफ्टवेयर का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया.
राठौड़ ने कहा इससे पहले जब कांग्रेस पार्टी के दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में इस प्रकार का मामला उठाया था तो कांग्रेस खुद सदन में बहस से पीछे हट गई थी और यूपीए सरकार के कार्यकाल में तो आरटीआई में यह साफ हो गया कि 9 हजार टेलीफोन और 500 ईमेल को सर्विलांस पर रखा गया था. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कांग्रेस टूलकिट के बाद अब इस तरह के आरोप लगाकर देश और प्रधानमंत्री को बदनाम कर रही है.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी के फोन नंबर से जो ऑडियो वीडियो जारी किया गया था और जिसके आधार पर महेश जोशी ने चार एफआईआर दर्ज कराई थी उसका खुलासा करें और वह नंबर जारी करें जिन्हें गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में सर्विलांस पर रखा था.
प्रेस वार्ता में जब राजेंद्र राठौड़ से पूछा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निजी सचिव के फोन हैकिंग का भी दावा किया गया है तो राठौड़ ने कहा कांग्रेस के नेता वसुंधरा राजे और भाजपा नेताओं का नाम लेकर बस चाय के प्याले में तूफान खड़ा करना चाहते हैं. जबकि इस प्रकार के आरोपों का कोई आधार नहीं है.
प्रेस वार्ता में राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जब से अजय माकन का एक ट्वीट पर रीट्वीट आया है तब से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैकफुट पर हैं और मानसिक दबाव में भी हैं. राठौड़ ने कहा यह ट्वीट इस बात का संकेत है कि गहलोत के पास भी जल्द ही फरमान आने वाला है कि सचिन पायलट गुट को सम्मान के साथ सरकार और पार्टी में स्थान मिले.
वहीं, विधायक कृष्णा पूनिया के प्रति को खेल परिषद में नियुक्ति दिए जाने के मामले में भी राठौड़ ने कहा कि अपने विधायकों को लाभ देने और सरकार को बचाए रखने के लिए विधायक के पति को नया पद सृजित करके नियुक्ति दी गई.