जयपुर. राजस्थान में प्री-मानसून एक्टिविटीज (Pre Monsoon Activity) बढ़ने लगी है. मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान में 12 जून से एक बार फिर से प्री-मानसून गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी. 12-14 जून को कोटा, जयपुर, उदयपुर, भरतपुर और बीकानेर संभाग के कुछ जिलों में तेज आंधी तूफान (Thunderstorm) के साथ लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती हैं. इस दौरान बिजली चमकने के साथ बारिश (Rain) होने की संभावना बनी हुई है.
रेगिस्तानी सूबे राजस्थान की सियासत में जहां गर्माहट है, तो वहीं मौसम भी लोगों पर कहर ढाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. ताजा हालात ये हैं कि तापमान भले ही कुछ मंद हो, पर उमस ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है. ऐसे में लोगों का इंतजार खत्म होने वाला है और दक्षिण-पश्चिम मानसून की वजह से प्री-मानसून एक्टिविटीज (Pre Monsoon Activity) बढ़ने लगी है. मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान में 12 जून से एक बार फिर से प्री-मानसून गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी.
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12-14 जून को कोटा, जयपुर, उदयपुर, भरतपुर और बीकानेर संभाग के कुछ जिलों में तेज आंधी तूफान (Thunderstorm) के साथ लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती हैं. इस दौरान बिजली चमकने के साथ बारिश (Rain) होने की संभावना बनी हुई है. हालांकि दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर संभाग के वासियों को अभी इंतजार करना होगा, क्योंकि ज्यादातर क्षेत्रों में अभी अगले तीन-चार दिन तक मौसम शुष्क बना रहेगा.
मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून समय पर दस्तक देगा और 20 से 25 जून के बीच राजस्थान में दस्तक दे सकता है. इसकी वजह है कि अभी तक हवा का दबाव और बादलों की गति मानसून के मुफीद है. हालांकि इससे पहले भी प्री-मानसून एक्टिविटीज की वजह से कई जिलों में बारिश हो सकती है. आमतौर पर कई जिलों में प्री-मानसून की बारिश होती है.
अगले कुछ दिनों में राजस्थान में प्री मानसून बारिश (Pre Monsoon Rain) हो सकती है. पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के साथ उत्तरी राजस्थान व हरियाणा से सटे कुछ जिलों में तेज हवा चलेगी और बादल गरजने के भी आसार हैं. इस दौरान अगर बारिश होती है तो अब उसे प्री-मानसूनी बारिश ही माना जाएगा. पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में तेज हवा के साथ लू चलने की भी आशंका मौसम विभाग ने जताई है. पश्चिमी राजस्थान में हवा तेज गति से चलेगी.
15 जून तक बरस सकते हैं मेघ
मौसम विभाग के मुताबिक, 11 जून से 15 जून तक प्रदेश के अधिकांश जिलों में लू के साथ रिमझिम बारिश की फुहारें लोगों को मामूली ही सही पर राहत देंगी. पूर्वी राजस्थान में अलवर, भरतपुर, बारां, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, सवाई माधाेपुर, सीकर, सिरोही व टोंक जिलों में कहीं-कहीं अचानक तेज हवाएं चल सकती हैं. पश्चिमी राजस्थान में बीकानेर, बाड़मेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व नागौर में भी 15 जून तक बादलों की गड़गड़ाहट के साथ तेज हवाएं चलेंगी.
समय पर मानसून आने की संभावना से किसानों के चेहरे पर खुशी
राजस्थान के थार के रेगिस्तान में किसानों के चेहरे उनकी उम्मीद को मौसम विभाग की ओर से सच करार देने की वजह से खिले हुए हैं. दूर गांवों में बैठे किसानों को भले ही विज्ञान की कोई जानकारी न हो, लेकिन पूर्वजों से मिले ज्ञान से वे सिर्फ हवा की रफ्तार देखकर बता देते हैं कि इस बार मानसून समय पर आ रहा है. किसानों की मानें तो इस बार 8 जून से मृग नक्षत्र शुरू हो गया है और 14 दिन के मृग नक्षत्र को दो हिस्सों में बांटा जाता है.
इन दिनों में हवा की रफ्तार और दिशा के आधार पर अलग-अलग भविष्यवाणी की जाती हैं. मृग नक्षत्र के पहले दो दिन अगर हवा का रुख अच्छा होता है, तो टिड्डियों का प्रकोप नहीं होता. इस बार 8 और 9 जून को रेगिस्तानी क्षेत्र में हवा की गति कमजोर नहीं रही और 10 और 11 जून को मृग नक्षत्र का चौथा और पांचवां दिन है. इन दो दिनों में अगर हवा अच्छी होती है तो कातरा (फसल को बर्बाद करने वाला कीड़ा) का असर नहीं होता. ये सारी परिस्थितियां अच्छे मानसून के अनुकूल हैं.