जयपुर. प्रदेश मे सर्दी का सितम (Winter in Rajasthan) देखने को मिल रहा है. न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. सबसे कम न्यूनतम तापमान पूर्वी राजस्थान के सीकर में 10 डिग्री सेल्सियस और पश्चिमी राजस्थान के चूरू में 10.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. जयपुर सहित अन्य जिलों में पारे में गिरावट दर्ज की गई है. दिन-प्रतिदिन सर्दी में तेजी होने लगी है.
पढ़ें- Panchang 9 November : जानें शुभ मुहूर्त, तिथि और ग्रह-नक्षत्र की चाल, आज बन रहा ये संयोग
प्रदेश के कई जिलों में तो सुबह कोहरा भी नजर आने लगा है. आने वाले दिनों में भी अब तेज सर्दी (Winter in Rajasthan) की संभावना है. नवंबर और दिसंबर महीने में तेज कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है. ठंड से बचाव के लिए लोगों ने गर्म कपड़े खरीदने शुरू कर दिए हैं. सर्दी में ज्यादा तेजी होने के साथ ही तापमान में ज्यादा गिरावट के साथ हल्की सर्द हवाएं चलने की भी संभावना है. दीपावली के बाद सर्दी में ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है.
राजस्थान में न्यूनतम तापमान
प्रदेश में न्यूनतम तापमान की बात की जाए तो अजमेर में 15 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 10.6 डिग्री सेल्सियस, वनस्थली में 14.7 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 15.6 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 11.9 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 10 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 14.9 डिग्री सेल्सियस, सवाई माधोपुर में 16.2 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 15.4 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 12 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 12.2 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 18.3 डिग्री सेल्सियस, पाली में 15 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 18.5 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 15.9 डिग्री सेल्सियस, फलौदी में 17 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 16.1 डिग्री सेल्सियस, चूरू में 10.9 डिग्री सेल्सियस, गंगानगर में 14.4 डिग्री सेल्सियस, करौली में 15.9 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 12.8 डिग्री सेल्सियस, टोंक में 17.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है.
राजधानी जयपुर के आसपास के इलाकों में दीपावली के बाद ज्यादा तेज कपकपाती सर्दी महसूस हुई है. तेज सर्दी से बचने के लिए लोगों ने रजाइयां ओढ़ना शुरू कर दिया है. तेज सर्दी के साथ ही कोहरा भी पड़ने की आशंका है. पाला और बर्फबारी फसलों के लिए नुकसानदायक होती है. तेज सर्दी में अलसुबह किसानों के खेतों में फसल पर बर्फ की परत जम जाती है, जिससे फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचता है. तेज बर्फ से फसल को बचाने के लिए किसान खेत में सूखे घास फूस को जलाकर धुंआ करते हैं, ताकि फसल को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचे.