जयपुर. राजस्थान वक्फ बोर्ड के राजस्व में किराया वसूली में 45 लाख की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. किरायदारी के प्रकरण निपटाने से यह राशि वक्फ बोर्ड के खजाने में आई है. यह जानकारी राजस्थान वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष खानू खान बुधवाली ने दी.
राजस्थान वक्फ बोर्ड कार्यालय में सेंट्रल वक्फ कमेटी द्वारा निर्धारित किराया नीति के तहत वक्फ बोर्ड किराया समझौता कमेटी की मीटिंग ज्योति नगर स्थित बोर्ड कार्यालय में हुई. मीटिंग की अध्यक्षता वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने की. मीटिंग में बोर्ड के मेंबर शौकत कुरेशी, आरएएस अधिकारी जमील अहमद कुरैशी तथा वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएम झा मौजूद रहे. प्रदेश की वक्फ की ऐसी संपत्तियों पर जिनके वक्फ किरायेदारों से विवाद चल रहा है, मूल किराएदार की मृत्यु के बाद उनके स्थान पर उनके वारिसों के नाम किराएदारी करने तथा नया किराया तय करने के लिए किराया समझौता कमेटी द्वारा कई अहम फैसले लिए गए.
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राजस्थान बोर्ड के चेयरमैन खानू खान ने बताया कि वक्फ बोर्ड के अधीन शहर की संपत्तियों के बकाएदारों को बुलाकर किराया लिस्ट 2014 और संशोधित 2020 के अंतर्गत वक्फ किरायेदारों से उनकी संपत्ति की मौजूदा डीएलसी दर का ढाई प्रतिशत किराया रखते हुए बकाया किराए का समाधान किया गया है. किरायेदारों से बनी सहमति के बाद बोर्ड की आय में डोनेशन और उसका किराया वसूली में 45 लाख की वृद्धि हुई है.
मीटिंग में सबसे पहले किराया 3500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 6000 रुपये प्रतिमाह तय किया गया. सबेलटी किरायेदारों व मूल किरायेदारों की मृत्यु होने पर उनके वारिसों के नाम पे किरायदारियों में पारदर्शिता को देखते हुए आगे बढ़कर किराया बढ़ाने में किराएदार उत्सुक नजर आए. इसके अलावा कई किरायदारों ने कुछ समय भी मांगा. खानू खान ने कहा कि मीटिंग में उपस्थित किरायेदारों ने वार्ता में कुछ विशेष सहमति दी. कुछ किरायेदारों ने अपनी मजबूरियां बताईं. इसके लिए एक मौका देते हुए शीघ्र की मीटिंग रखी जाएगी. शेष रहे ऐसे लोगों के खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने किराया नहीं दिया है.