जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान-2 में ग्रांट लेने का इंतजार अब खत्म हो गया. सरकार ने राजस्थान विश्वविद्यालय को 57 करोड़ देने के आदेश जारी कर दिए हैं. जिसे मानव संसाधन विकास केंद्र, इनक्यूबेशन सेंटर और 19 शोध परियोजनाओं में लगाया जाएगा. विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर जेपी यादव के सामने ये एक बड़ी चुनौती भी होगी.
उच्चतर शैक्षिक संस्थाओं को वित्त पोषित करने के उद्देश्य से केंद्र की ओर से साल 2013 में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की शुरुआत की गई थी. इसके तहत राज्यों में विश्वविद्यालय को अपना इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने के लिए राशि उपलब्ध कराई जाती है. राजस्थान विश्वविद्यालय को भी 'रूसा-1' के तहत 20 करोड़ रुपए का फंड मिला था, जिसमें 7 करोड़ रुपए नवीन निर्माण कार्य, 7 करोड़ रुपए भवनों के नवीनीकरण और 6 करोड रुपए प्रयोगशाला उपकरण खरीदने पर खर्च कर दिया गया. खास करके इस फंड से लाइब्रेरी का आउटर और मानविकी पीठ को संवारा गया.
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वहीं, राजस्थान विश्वविद्यालय के लिए अच्छी खबर ये है कि रूसा से इस बार 57 करोड़ रुपए का फंड ग्रांट हुआ है. इसमें से मानव संसाधन विकास केंद्र के लिए 7 करोड़ और इनक्यूबेशन सेंटर पर 15 करोड़ खर्च किया जाएगा. इसके अलावा 19 शोध परियोजनाओं के लिए 35 करोड़ खर्च होगा.
हाल ही में बतौर कुलपति अपना कार्यकाल पूरा कर चुके प्रो. आरके कोठारी ने बताया कि उनके कार्यकाल में मिला रूसा-1 का फंड विश्वविद्यालय के नवीन निर्माण और प्रयोगशाला उपकरण में लगा दिया गया है. जबकि रूसा-2 के तहत मिलने वाले फंड की रूपरेखा तैयार की गई है. अब तक साढे़ तीन करोड़ मानव संसाधन विकास केंद्र के लिए, जबकि इनक्यूबेशन सेंटर के लिए साढे़ सात करोड़ मिल चुके हैं.
इसके अलावा शोध प्रस्ताव के आधार पर साढ़े 17 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है. प्रो. कोठारी ने इसका पूरा श्रेय रूसा-2 से जुड़े शिक्षकों और संयोजक को दिया. साथ ही कहा कि ये उपलब्धि विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा किए जा रहे गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य के आधार पर ही विश्वविद्यालय को प्राप्त हुई है.
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बहरहाल, राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार रविवार को प्रोफेसर जेपी यादव को सौंपा गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने ये आदेश जारी किए हैं. ऐसे में यह देखना होगा कि अब नए कुलपति की ओर से रूसा-2 की बकाया राशि को राजस्थान विश्वविद्यालय पर किस तरह खर्च किया जाता है.