जयपुर. सरकारी प्रतिनिधियों ने बजट कॉपी और फाइनेंस कमेटी में कई आपत्ति लगाकर बजट को रोक दिया. एक बार फिर से केवल दो माह का लेखा अनुदान पारित किया गया है. गौरतलब है कि पिछले महीने भी विशेष बैठक में बजट पास नहीं हो पाया था. जुलाई माह के लिए लेखानुदान पारित किया गया था. इस वित्तीय वर्ष का बीवी का बजट अभी तक पास नहीं हो पाया है.
लंच तक फाइनल हुई मिनिट्स और दो तीन एजेंडे सिंडीकेट बैठक में विश्वविद्यालय ने 36 एजेंडे रखे थे. जनप्रतिनिधि भी अपनी ओर से 24 रिपोर्टिंग आइटम लेकर आए. कुल करीब 60 एजेंडे में से 10 से 12 पर ही बात हो पाई. इनमें भी अधिकांश रिपोर्टिंग आइटम के एजेंडे थे. सूत्रों के अनुसार दोपहर 2 बजकर 30 मिनिट पर लंच तक केवल पिछली सिंडीकेट बैठक की मिनिट्स फाइनल हो पाई और दो-तीन एजेंडों पर बात की गई. सरकारी प्रतिनिधियों ने मीठे शब्दों में जमकर कुलपति की खिंचाई की.
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सिंडिकेट में विवि के शिक्षकों के 7वें वेतन आयोग का एरियर का मामला पास किया गया. सभी शिक्षकों को करीब एक साल का एरियर मिलेगा. इसके अलावा आवास आवंटन, विद्यार्थियों को पीएचडी, एमफिल आदि की समस्या सहित अन्य मामलों पर निर्णय दिया गया. पीजी कॉलेजों को रिसर्च सेंटर बनाने के लिए आवेदन मांगे जाएंगे. दरअसल, यूजीसी ने कुछ समय पूर्व पीजी कॉलेजों को रिसर्च सेंटर के रूप में स्थापित करने के निर्देश दिए थे. सिंडिकेट ने एक सप्ताह के भीतर आवेदन लेने का निर्णय दिया.
आवास आवंटन की हो जांच
सूत्रों के अनुसार सिंडिकेट की बैठक के दौरान एक सदस्य ने शिक्षकों को आवंटित आवासों की जांच करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि नियमानुसार केवल वही शिक्षक आवास आवंटन के हकदार हैं, जिनके पास अपना मकान नहीं है. लेकिन यह देखा जा रहा है कि यूनिवर्सिटी के कई शिक्षकों के पास मकान होने के बावजूद उन्होंने विश्वविद्यालय से आवास ले रखा है. बताया जा रहा है कि उन्होंने कुलपति को आवंटित आवास पर भी सवाल उठा दिए हैं.
एफडीआर की ली डिटेल
बताया जा रहा है कि सिंडिकेट ने राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से कराई गई एफडीआर पर भी चर्चा की. इस दौरान यह देखा गया कि एफडीआर किन बैंकों में है. प्रतिस्पर्धा के दौर में रिटर्न सहित अन्य बातों की बैठक में पड़ताल की गई. साथ ही कई अन्य अनियमितताओं के मामले सामने आने पर उनके संबंध में भी तथ्य जुटाए गए.