जयपुर. कोरोना संक्रमण के कारण लंबे इंतजार के बाद आखिरकार परिवहन विभाग ने ऑटो रिक्शा प्रीपेड बूथ की नई पॉलिसी तैयार कर ली है. लेकिन इस पॉलिसी में यात्रियों को राहत देने की बजाय उनकी जेब पर अतिरिक्त भार डाला गया है.
पॉलिसी के तहत ऑटो के किराए के अलावा अब यात्रियों से बुकिंग के प्रति ऑटो 10 रुपए भी वसूले जाएंगे. यानी राजधानी में रोज करीब 15 हजार ऑटो में एकल सफर करने वाले यात्रियों से प्रतिदिन डेढ़ लाख रुपए किराया के अतिरिक्त भी वसूले जाएंगे. हर महीने के आंकड़े को देखा जाए तो ये आंकड़ा 45 लाख और सालाना 5 करोड़ रुपए तक पहुंचेगा. लेकिन इसमें इसमें खास बात ये है कि, प्रीपेड बूथ संचालित करने के लिए ऑटो चालकों से 2 रुपए प्रति ट्रिप लिए जाते थे. जबकि, इस बार पॉलिसी में यात्रियों से ही वसूली की जा रही है. जिससे ऑटो चालकों को थोड़ी राहत दी गई है.
वहीं, इस प्रीपेड बूथ पॉलिसी का ऑटो चालक विरोध भी कर रहे हैं. ऑटो चालक यूनियन का आरोप है कि, विभाग ने उनकी बिना सहमति से पॉलिसी तैयार कर ली. साथ ही यात्रियों पर जो बोझ डाला गया है वो भी सरासर गलत है. यात्रियों पर भार डालने से ऑटो नहीं चलेंगे. यात्री बाहर के ऑटो लेने शुरू कर देंगे. बूथ संचालन का खर्चा इतना नहीं है. बेवजह ही विभाग यात्रियों से पैसे वसूल रहा है.
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बता दें कि परिवहन विभाग ने जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों के लिए ये प्रीपेड बूथ पॉलिसी तैयार की गई है. परिवहन विभाग के 5 अधिकारियों की कमेटी ने ये पॉलिसी बनाई है. ये पॉलिसी अलवर, भिवाड़ी, भीलवाड़ा, जैसलमेर, सवाई माधोपुर और पुष्कर से लागू की जाएगी.