कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों ने सोनिया गांधी से गहलोत को पार्टी अध्यक्ष की दौड़ से बाहर करने का आग्रह (urges Sonia Gandhi to pull Ashok Gehlot out of party president race) किया है. एएनआई से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों ने पार्टी प्रमुख से गहलोत को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर किसी अन्य चेहरे को उम्मीदवार बनाने की अपील की है.
MLA गंगा देवी का बड़ा बयान... मैंने कोई चिट्ठी नहीं पढ़ी, न इस्तीफा दिया
राजस्थान में विधायक दल की बैठक से पूर्व ही गहलोत गुट के विधायकों ने विरोध में उतर आए. विधायकों ने सीएम फेस के लिए पायलट के नाम का विरोध करते हुए विधायक दल की बैठक का बहिष्काकर कर दिया. इस दौरान 76 विधायकों ने विरोध में सीपी जोशी के समक्ष इस्तीफा भी दे दिया जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई.
वसुंधरा ने बेणेश्वर धाम के रथ को रवाना किया, कांग्रेस के सियासी घमासान पर 'नो कमेंट'
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सोमवार दोपहर को आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर (Vasundhara in Govind Dev Ji Temple) पहुंचीं. वसुंधरा राजे ने मंदिर में धोक लगाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की. वसुंधरा ने बेणेश्वर धाम के रथ को रवाना किया. दशहरे पर बेणेश्वर धाम में भगवान निष्कलंक अवतार की मूर्ति स्थापित की जाएगी. भगवान निष्कलंक विष्णु के दसवें अवतार हैं. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ने राजस्थान कांग्रेस चल रहे सियासी घमासान पर कुछ भी नहीं बोला. इस बारे में सवाल पूछने पर वह कोई जवाब दिए बगैर ही चली गईं.
आलकमान की मुखालफत पर दिव्या ने दिलाई 1998 की याद, तब मदेरणा ने स्वीकार किया था निर्णय
साल 1998 में परसराम मदेरणा सीएम पद के प्रबल दावेदार (Parasram Maderna was strong contender for CM) थे, लेकिन गहलोत ने आलाकमान से अपनी नजदीकियों का लाभ उठाया और अपने पक्ष में प्रस्ताव पारित करवा लिया था. हालांकि, तब उसका किसी ने विरोध नहीं किया था, लेकिन आज आलकमाना की मुखालफत हो रही है...
माकन-खड़गे सोनिया गांधी को सौंपेंगे राजस्थान की रिपोर्ट, दिल्ली में होगा मुलाकातों का दौर तेज
राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बारे में रिपोर्ट राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और राजस्थान कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को (Report of Rajasthan Political crisis) सौपेंगे. वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी हाईकमान अब राजस्थान के घटनाक्रम को लेकर तल्खी के मूड में है.
राजस्थान में सियासी घमासान तेज हो गया है. दिल्ली से आए ऑब्जर्वर विधायकों के विरोध के बाद बिना मीटिंग किए ही दिल्ली लौट गए. मल्लिकार्जुन खड़गे ने विधायकों के रवैये को लेकर कहा कि पार्टी में अनुशासन जरूरी है और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी जो भी निर्णय लेती हैं, उसे (Mallikarjun Kharge on Rajasthan congress) सभी को मानना होगा.
कांग्रेस में नए सीएम फेस को लेकर जारी सियासी घमासान (Controversy over new CM face in Congress) के बीच बीजेपी और राज्यपाल की भूमिका पर अब सबकी निगाहें टिकी है. बीजेपी भले ही मौजूदा घटनाक्रम से खुद को अलग बता रही हो, लेकिन बीजेपी को भी सही मौके की तलाश है. वहीं, राजभवन फिलहाल नियमों से बंधा (Raj Bhavan is tied in rules) है और बिना किसी की मांग के राज्यपाल इस मामले में हस्तक्षेप की स्थिति में नहीं है.
सोनिया गांधी ने कमलनाथ को बुलाया दिल्ली, क्या मिलेगी पार्टी की कमान?
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की सरगर्मी और राजस्थान में विधायकों की बगावत के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनथ को सोनिया गांधी ने दिल्ली बुला लिया है. अचानक दिल्ली से बुलावा आने के बाद इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि यदि अशोक गहलोत के नाम पर विवाद होता है तो कमलनाथ को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
प्रशांत बैरवा ने पायलट को पार्टी का फ्यूचर बताया
राजस्थान राजनीतिक संकट (Rajasthan Political Crisis) के बीच कांग्रेस विधायक प्रशांत बैरवा ने कहा कि चाहे किसी भी ग्रुप से मुख्यमंत्री बने, लेकिन सीएम कांग्रेस पार्टी का होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट कांग्रेस के भविष्य हैं.
पायलट की राह में रोड़ा बने सीएम गहलोत, दांव पर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद और मुख्यमंत्री की कुर्सी
राजस्थान कांग्रेस में सब ठीक नहीं चल (Political tussle in Rajasthan Congress) रहा, क्योंकि गहलोत बनाम पायलट के बीच जारी (Political battle between Gehlot vs Pilot) सियासी खींचतान की सारी हदे पार हो चुकी हैं. गहलोत किसी भी सूरत में सचिन पायलट को सीएम की कुर्सी सौंपने के मूड में नहीं है तो वहीं, पार्टी शीर्ष नेतृत्व पायलट के साथ है. यही कारण है कि अब प्रदेश कांग्रेस और आलाकमान आमने-सामने हैं.