जयपुर. रोडवेज में मृत कर्मचारी के जीवनसाथी को भी यात्रा सुविधा पास और भर्ती आयु सीमा 35 से 40 वर्ष करने के आदेश जारी किए गए हैं. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजेश्वर सिंह ने कर्मचारी की मृत्यु के बाद जीवनसाथी को यात्रा सुविधा और कर्मचारी सेवा अधिनियम 1965 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु 35 से 40 वर्ष करने का संशोधन के आदेश जारी किए हैं.
सीएमडी राजेश्वर सिंह की अध्यक्षता में संचालन मंडल की बैठक में कर्मचारी की मृत्यु के उपरांत जीवनसाथी को यात्रा सुविधा और कर्मचारी सेवा विनियम 1965 में राजस्थान सरकार के अनुरूप संशोधन कर भर्ती के लिए अधिकतम आयु 35 वर्ष से 40 वर्ष करने और मृत कर्मचारी के सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान परम आवश्यकता होने पर द्वितीय बार भी प्राथमिकता से करने समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे.
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राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में भर्ती के लिए अभी तक अधिकतम 35 वर्ष आयु निर्धारित की गई थी. आदेशों के बाद 40 वर्ष की आयु तक राजस्थान रोडवेज में भर्ती हो सकेगी. विशेष श्रेणी और मृतक आश्रित 45 वर्ष नियुक्ति पा सकेंगे. सेवा निर्मित या मृत्यु के बाद राजस्थान रोडवेज में कर्मचारी के जीवनसाथी को किसी भी प्रकार की निशुल्क की यात्रा सुविधा नहीं थी. इस निर्णय के बाद कर्मचारी के जीवनसाथी को यात्रा सुविधा मिल सकेगी.
उत्तर पश्चिम रेलवे पर चिकित्सा शिविर का आयोजन
उत्तर पश्चिम रेलवे पर चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 5898 रेलवे कर्मचारियों और अधिकारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई. उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार मुख्यालय में कार्यरत रेल कर्मचारियों के लिए केंद्रीय चिकित्सालय उत्तर पश्चिम रेलवे के तत्वाधान में शिविर का आयोजन किया गया है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश ने चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया. महाप्रबंधक आनंद प्रकाश ने कहा कि सभी रेल कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की जरूरत है. नियमित रूप से चिकित्सा प्रशिक्षण करवाना चाहिए. स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योग करना चाहिए. तनाव रहित और प्रसन्न चिन्ह रहना चाहिए. चिकित्सा कर्मियों से रेल कर्मियों को स्वस्थ और निरोगी रहने के तरीके बताने के लिए भी कहा.
शिविर में मुख्यालय में कार्यरत 766 रेल कर्मियों ने स्वास्थ्य की जांच करवाई. शिविर में रक्त परीक्षण, ईसीजी, शुगर, वजन, लंबाई और हड्डियों की जांच समेत अन्य कई परामर्श दिए गए. शिविर में 184 अधिकारियों की सभी जाटों के लिए रक्त नमूने लिए गए और 350 लाभार्थियों की रैंडम ब्लड शुगर के साथ 194 ईसीजी 371 बीएमडी जांच भी की गई.