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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति की CM गहलोत से वार्ता रही सकारात्मक, कल से शुरू होने वाला क्रमिक अनशन स्थगित - अशोक गहलोत

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति की सात सूत्री मांग पत्र को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री से वार्ता सकारात्मक रही. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद 25 अक्टूबर से प्रस्तावित कर्मचारियों का अनशन स्थगित कर दिया है.

Rajasthan State Mantralaya Karmachari Sangharsh Samiti, Jaipur news
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति
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Published : Oct 24, 2021, 10:12 PM IST

जयपुर. सात सूत्री मांगों को लेकर संघर्ष समिति काफी लंबे समय से संघर्ष कर रही है और कई बार सरकार को ज्ञापन भी दिए गए लेकिन सरकार ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की थी. रविवार को मुख्यमंत्री की ओर से वार्ता के लिए बुलाया गया और संघर्ष समिति के संयोजक गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वार्ता काफी सकारात्मक रही और जल्द ही इस संबंध में कमेटी से वार्ता करा कर समस्याओं का समाधान कराया जाएगा.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, मुख्यमंत्री के सचिव कुलदीप राका, वित्त सचिव अखिल अरोड़ा कार्मिक सचिव हेमंत गेरा शामिल रहे. मंत्रालयिक कर्मचारियों की सात सूत्रीय मांगे हैं. जिनमें पहली मांग राजस्थान स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक (लिपिक ग्रेड द्वितीय) को ग्रेड पर 3600 लेवल 10 में किया जाए और न्यूनतम योग्यता स्नातक की जाए. पूर्व में सरकार के साथ हुए समझौतों के अनुसार शेष रहे 11000 पदों को नवसृजित कर पदोन्नति के पदों पर मानदंडों में ढील दी जाए.

यह भी पढ़ें. संयुक्त राष्ट्र को व्यवहारिक रूप में विश्व संघ बनाने की जरूरत: राज्यपाल

24 अप्रैल 2017 के वित्त विभाग के आदेश को पंचायत राज संस्थाओं के 12000 मंत्रालयिक कर्मचारियों पर लागू कर राजस्थान के अन्य 122 विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों की तर्ज पर कनिष्ठ सहायक से लेकर संस्थापन अधिकारी तक के पदोन्नति के पद तक करवाये जाए और यह पंचायत राज के मंत्रलायिक कर्मचारियों को अतर जिला स्थानांतरण में एक बार ढील देकर पंचायत राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों को न्याय दिया जाए.

साथ ही शासन सचिवालय व अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के राजपत्रित व अराजपत्रित पदों में व्याप्त असमानता को दूर कर पद पदोन्नति प्रावधान एवं वेतन में समानता के लिए नियमों में संशोधन किया जाए. चयनित वेतनमान 9,18, 27 के स्थान पर 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का लाभ दिया जाए. विभाग के 30 अक्टूबर 2017 को जारी वेतन कटौती के आदेश को वापस लिया जाए. साथ ही 5 जुलाई 2013 को जारी आदेश को यथावत रखा जाए. मंत्रालयिक संवर्ग के पृथक निदेशालय की स्थापना के आदेश जारी किए जाएं.

जयपुर. सात सूत्री मांगों को लेकर संघर्ष समिति काफी लंबे समय से संघर्ष कर रही है और कई बार सरकार को ज्ञापन भी दिए गए लेकिन सरकार ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की थी. रविवार को मुख्यमंत्री की ओर से वार्ता के लिए बुलाया गया और संघर्ष समिति के संयोजक गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वार्ता काफी सकारात्मक रही और जल्द ही इस संबंध में कमेटी से वार्ता करा कर समस्याओं का समाधान कराया जाएगा.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, मुख्यमंत्री के सचिव कुलदीप राका, वित्त सचिव अखिल अरोड़ा कार्मिक सचिव हेमंत गेरा शामिल रहे. मंत्रालयिक कर्मचारियों की सात सूत्रीय मांगे हैं. जिनमें पहली मांग राजस्थान स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक (लिपिक ग्रेड द्वितीय) को ग्रेड पर 3600 लेवल 10 में किया जाए और न्यूनतम योग्यता स्नातक की जाए. पूर्व में सरकार के साथ हुए समझौतों के अनुसार शेष रहे 11000 पदों को नवसृजित कर पदोन्नति के पदों पर मानदंडों में ढील दी जाए.

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24 अप्रैल 2017 के वित्त विभाग के आदेश को पंचायत राज संस्थाओं के 12000 मंत्रालयिक कर्मचारियों पर लागू कर राजस्थान के अन्य 122 विभागों के मंत्रालयिक कर्मचारियों की तर्ज पर कनिष्ठ सहायक से लेकर संस्थापन अधिकारी तक के पदोन्नति के पद तक करवाये जाए और यह पंचायत राज के मंत्रलायिक कर्मचारियों को अतर जिला स्थानांतरण में एक बार ढील देकर पंचायत राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों को न्याय दिया जाए.

साथ ही शासन सचिवालय व अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के राजपत्रित व अराजपत्रित पदों में व्याप्त असमानता को दूर कर पद पदोन्नति प्रावधान एवं वेतन में समानता के लिए नियमों में संशोधन किया जाए. चयनित वेतनमान 9,18, 27 के स्थान पर 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का लाभ दिया जाए. विभाग के 30 अक्टूबर 2017 को जारी वेतन कटौती के आदेश को वापस लिया जाए. साथ ही 5 जुलाई 2013 को जारी आदेश को यथावत रखा जाए. मंत्रालयिक संवर्ग के पृथक निदेशालय की स्थापना के आदेश जारी किए जाएं.

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