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'एक पिता अपनी पुत्री को दुनिया की हर खुशी देना चाहता है, फिर वह कैसे निर्ममता से उसकी हत्या कर सकता है'

बेटी के प्रेम प्रसंग से नाराज होकर गला दबाकर हत्या करने वाले दौसा के चर्चित मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने राजस्थान डीजीपी सही संबधित पुलिस अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट 30 मार्च तक सौंपने को कहा है. इसके साथ ही आयोग ने टिप्पणी करते हुए इस घटना पर चिंता जाहिर की है.

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Published : Mar 6, 2021, 7:20 AM IST

राज्य मनवाधिकार आयोग
राज्य मनवाधिकार आयोग

जयपुर. दौसा में एक पिता के बेटी की गला दबाकर हत्या के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने पुलिस महानिदेशक राजस्थान, महानिरीक्षक जयपुर रेंज और पुलिस अधीक्षक दौसा को उस मामले में निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट 30 मार्च तक आयोग को सौंपने के निर्देश दिए है.

पढ़ेंः दौसा : प्रेम संबंधों से नाराज पिता ने बेटी को उतारा मौत के घाट

दरअसल, दौसा निवासी 19 वर्षीय लड़की की 16 फरवरी को शादी हुई थी. तीन दिन बाद 21 फरवरी को उसके ससुराल वाले जब उसे लेने गये तो वह अपने प्रेमी के साथ घर से भाग निकली. इसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट की शरण ली और साथ-साथ रहने की इच्छा जाहिर की. इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि युवक और युवती को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. एक मार्च को पिता समेत कुछ परिजन युवक के घर पहुंचे और युवती को उठा ले गए. उसी दिन युवक ने युवती के परिजनों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करा दिया. मगर पुलिस तीन दिनों तक युवती का पता नहीं लगा पाई. 3 मार्च की रात युवती की उसके पिता ने ही गला दबाकर हत्या कर दी.

3 मार्च की रात करीब 1 बजे बेटी की हत्या करने के बाद आरोपी पिता 3 बजे महिला थाने पहुंचा और ड्यूटी आफिसर से कहा- मैनें बेटी को बहुत समझाया, लेकिन वह जिद पर अड़ी रही. मैनें उसे थप्पड़ मारे और गला दबाकर हत्या कर दी. इस दौरान शंकरलाल के चेहरे पर कोई शिकन नहीं था और न ही उसे पछतावा था. राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा कि समाचार पढ़कर हृदय द्रवित हो गया. यह कल्पना से परे लगता है कि एक पिता अपनी पुत्री को प्यार से पाल पोसकर बड़ा करता है, उसे दुनिया की हर खुशी देना चाहता है, धूमधाम से उसकी शादी कर अपने घर से विदा करता है, फिर वह कैसे व किन परिस्थितियों में उसकी गला दबाकर निर्ममता से हत्या कर सकता है.

पढ़ेंः 10 साल की मासूम के साथ ज्यादती, मां पर रुपये लेकर दुष्कर्म करवाने का आरोप...अदालत से सुरक्षा की मांग

राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा निश्चय ही यह घटना अत्यन्त हृदय विदारक है, नृशंस है और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है. विचारणीय प्रश्न यह है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति को रोकने के लिए मानवीय दृष्टि से क्या कदम उठाये जाने चाहिए. यह भी देखने में आया है कि पिछले लगभग दो ढाई माह के दौरान दौसा जिले में चोरी, लूट, हत्या, भ्रष्टाचार जैसे अपराधों में वृद्धि हुई है, जो चिन्ता का विषय है. प्रशासन को ऐसे उपाय करने चाहिये जिससे लोगों की आपराधिक प्रवृति में कमी आये एवं आम जनता में भयमुक्त वातावरण उत्पन्न हो. लोगों में सकारात्मक सोच जागृत हो एवं आध्यात्मिक चिन्तन जागृत हो इसके लिये प्रयास होने चाहिए.

पढ़ेंः प्रेम प्रसंग से नाराज होकर बेटी की हत्या करने का आरोपी पिता गिरफ्तार

आयोग इस मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया. पुलिस महानिदेशक राजस्थान, जयपुर, महानिरीक्षक, जयपुर रेंज, जयपुर एवं पुलिस अधीक्षक, दौसा इस प्रकरण में निष्पक्ष अनुसंधान कराए और अनुसंधान की प्रगति की रिपोर्ट संबंधित दण्डनायक के समक्ष प्रस्तुत करें. जिलाधीश, दौसा इस सम्बन्ध में उचित कदम उठाये और रिपोर्ट 30 मार्च तक पेश करे.

जयपुर. दौसा में एक पिता के बेटी की गला दबाकर हत्या के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया है. आयोग ने पुलिस महानिदेशक राजस्थान, महानिरीक्षक जयपुर रेंज और पुलिस अधीक्षक दौसा को उस मामले में निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट 30 मार्च तक आयोग को सौंपने के निर्देश दिए है.

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दरअसल, दौसा निवासी 19 वर्षीय लड़की की 16 फरवरी को शादी हुई थी. तीन दिन बाद 21 फरवरी को उसके ससुराल वाले जब उसे लेने गये तो वह अपने प्रेमी के साथ घर से भाग निकली. इसके बाद दोनों ने हाईकोर्ट की शरण ली और साथ-साथ रहने की इच्छा जाहिर की. इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि युवक और युवती को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. एक मार्च को पिता समेत कुछ परिजन युवक के घर पहुंचे और युवती को उठा ले गए. उसी दिन युवक ने युवती के परिजनों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करा दिया. मगर पुलिस तीन दिनों तक युवती का पता नहीं लगा पाई. 3 मार्च की रात युवती की उसके पिता ने ही गला दबाकर हत्या कर दी.

3 मार्च की रात करीब 1 बजे बेटी की हत्या करने के बाद आरोपी पिता 3 बजे महिला थाने पहुंचा और ड्यूटी आफिसर से कहा- मैनें बेटी को बहुत समझाया, लेकिन वह जिद पर अड़ी रही. मैनें उसे थप्पड़ मारे और गला दबाकर हत्या कर दी. इस दौरान शंकरलाल के चेहरे पर कोई शिकन नहीं था और न ही उसे पछतावा था. राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा कि समाचार पढ़कर हृदय द्रवित हो गया. यह कल्पना से परे लगता है कि एक पिता अपनी पुत्री को प्यार से पाल पोसकर बड़ा करता है, उसे दुनिया की हर खुशी देना चाहता है, धूमधाम से उसकी शादी कर अपने घर से विदा करता है, फिर वह कैसे व किन परिस्थितियों में उसकी गला दबाकर निर्ममता से हत्या कर सकता है.

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राज्य मानवाधिकार आयोग ने कहा निश्चय ही यह घटना अत्यन्त हृदय विदारक है, नृशंस है और मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है. विचारणीय प्रश्न यह है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति को रोकने के लिए मानवीय दृष्टि से क्या कदम उठाये जाने चाहिए. यह भी देखने में आया है कि पिछले लगभग दो ढाई माह के दौरान दौसा जिले में चोरी, लूट, हत्या, भ्रष्टाचार जैसे अपराधों में वृद्धि हुई है, जो चिन्ता का विषय है. प्रशासन को ऐसे उपाय करने चाहिये जिससे लोगों की आपराधिक प्रवृति में कमी आये एवं आम जनता में भयमुक्त वातावरण उत्पन्न हो. लोगों में सकारात्मक सोच जागृत हो एवं आध्यात्मिक चिन्तन जागृत हो इसके लिये प्रयास होने चाहिए.

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आयोग इस मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया. पुलिस महानिदेशक राजस्थान, जयपुर, महानिरीक्षक, जयपुर रेंज, जयपुर एवं पुलिस अधीक्षक, दौसा इस प्रकरण में निष्पक्ष अनुसंधान कराए और अनुसंधान की प्रगति की रिपोर्ट संबंधित दण्डनायक के समक्ष प्रस्तुत करें. जिलाधीश, दौसा इस सम्बन्ध में उचित कदम उठाये और रिपोर्ट 30 मार्च तक पेश करे.

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