जयपुर. शहीद स्मारक पर शिक्षा विभाग के सेवा नियमों में हुए बदलाव के विरोध में सोमवार को वरिष्ठ अध्यापकों ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन (Senior Teachers Protest in Jaipur) किया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे. शिक्षा विभाग ने सेवा नियमों में बदलाव करते हुए हेड मास्टर के कैडर को खत्म करने के साथ ही उप प्राचार्य के करीब 10 हजार से ज्यादा पदों को सृजित किए जाने का फैसला लिया है. इसके साथ ही उप प्राचार्य के करीब 10000 पदों पर पदोन्नति के माध्यम से पदों पर भर्ती करने का फैसला शिक्षा विभाग की ओर से किया गया है. जिसका विरोध अब प्रदेश के शिक्षकों ने शुरू कर दिया है.
साढ़े तीन लाख अध्यापकों का अधिकारी बनने का सपना खत्म : प्राचार्य (स्कूल) सीधी भर्ती मांग समिति राजस्थान के प्रदेश प्रवक्ता लव शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से जो नियम लागू किया गया है, उसके तहत प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख शिक्षकों के अधिकारी बनने का सपना खत्म हो चुका है. यदि शिक्षा विभाग की ओर से शत प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे तो ऐसे में करीब 3.50 लाख शिक्षक और वरिष्ठ अध्यापक इस पद पर नहीं पहुंच पाएंगे.
50 फीसदी पदों पर होगी पदोन्नति : ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से जारी संशोधित नियमों में बदलाव करते हुए 50 फ़ीसदी पद पदोन्नति से भरे जाएं, तो वहीं 50 फ़ीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरे जाएं. यदि 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती के पदों को भरा जाएगा तो अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापकों के पास भी उप प्राचार्य बनने का मौका रहेगा. जब तक शिक्षा विभाग की ओर से संशोधित आदेश जारी नहीं हो जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से अप्रैल 2022 में पुराने नियमों में संशोधन कर प्रधानाध्यापक 5400 पे ग्रेड खत्म कर, उसके स्थान पर उप प्राचार्य पद सृजित कर उस पर 100 फीसदी पदोन्नति लागू की गई. इसके चलते प्रदेश के करीब 3.50 लाख अध्यापक अब उप प्राचार्य के पद पर पदोन्नत होने की योग्यता नहीं रखते हैं. वहीं, शिक्षा विभाग के इस नियम का विरोध कई स्तर पर किए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं होने के चलते सोमवार को शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया.