जयपुर. स्कूली बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 13 दिसंबर ( Half-Yearly Exam 2021) से शुरू होने जा रही हैं. लेकिन स्कूलों में अभी तक पर्याप्त संख्या में पाठ्य पुस्तकें नहीं पहुंच पाई हैं. ऐसे में बच्चों के सामने संकट है कि वह क्या पढ़कर परीक्षा देंगे. इस मामले में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (Education Minister BD Kalla news) का कहना है कि पुस्तकों की कमी को जल्द दूर किया जाएगा और जो टॉपिक बच्चों को पढ़ाए गए हैं. उन्हीं में से प्रश्न पूछे जाएंगे.
दरअसल, सरकारी स्कूलों में बच्चों को पाठ्यपुस्तकें निशुल्क दी जाती हैं. वर्तमान सत्र में जहां एक तरफ अर्धवार्षिक परीक्षा 13 दिसंबर से शुरू होने जा रही हैं. वहीं, कई स्कूलों में बच्चों को अभी तक पाठ्यपुस्तकें भी नहीं मिल पाई हैं. ऐसे में बच्चों के सामने संकट खड़ा है कि क्या पढ़कर अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी करें.
विभागीय सूत्रों की मानें तो इस बार नामांकन में भारी बढ़ोतरी भी पुस्तकों की कमी का एक प्रमुख कारण है. बताया जा रहा है कि पाठ्यपुस्तक मंडल ने 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ पाठ्यपुस्तकें छपवाई थी. लेकिन इस बार सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. ऐसे में वर्तमान में पाठ्यपुस्तकों की कमी सामने आ रही है.
इस मामले को लेकर जब शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से सवाल किया गया तो उनका कहना है कि उन्हें विभाग का जिम्मा संभाले अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है. इसलिए वे पता करवा रहे हैं कि स्कूलों में पर्याप्त संख्या में पाठ्यपुस्तक क्यों नहीं पहुंच पाई. उनका कहना है कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा में सवाल उन्हीं टॉपिक में से पूछे जाएंगे. जो उन्होंने पढ़े हैं.