जयपुर. राजस्थान रोडवेज के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन किया. राजस्थान रोडवेज के श्रमिकों के संयुक्त मोर्चा, एटक, सीटू, इंटक, बीजेएमएम और कल्याण समिति संगठनों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर धरना-प्रदर्शन किया.
कर्मचारियों ने वेतन, पेंशन, 1 माह के सेवानिवृत्ति परिलाभ और सातवें वेतनमान की मांगों को लेकर जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर प्रदर्शन किया. रोडवेज कर्मचारी नेैता एमएल यादव कहा कि सरकार ने अभी तक रोडवेज कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया है. सातवां वेतन नहीं लगाने से कर्मचारी नाराज हैं.
साथ ही बीते 4 साल में 5000 से ज्यादा कर्मचारी रिटायर्ड हो चुके हैं. उनका भुगतान नहीं हो रहा है. कई कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है. उनके परिजनों को अभी तक किसी भी तरह का परिलाभ नहीं मिला है. यादव ने कहा कि राजस्थान रोडवेज को 1000 नई बसें यात्रियों के लिए चाहिएं, लेकिन रोडवेज प्रशासन बसें भी नहीं खरीद रहा है. पुरानी खटारा बसों को ही काम में लिया जा रहा है.
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यादव ने कहा कि सिंधी कैंप बस स्टैंड के बाहर से अवैध बसों का संचालन हो रहा है. रोडवेज प्रशासन उन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. इसका असर रोडवेज की आय पर पड़ रहा है. यादव ने कहा कि कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में अगस्त से अक्टूबर तक 3 माह तक क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन चलाएंगे. 27 अक्टूबर को 1 दिन का प्रदेश व्यापी चक्का किया जाएगा. अगर सरकार ने फिर भी मांगें पूरी नहीं की तो राजस्थान रोडवेज के सभी श्रमिक संगठन आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.
कर्मचारी नेता किशन सिंह ने कहा कि सचिन पायलट और प्रताप सिंह खाचरियावास के साथ ही कांग्रेस के कई नेताओं ने रोडवेज कर्मचारियों को उनकी मांगों के संबंध में आश्वासन दिया था. लेकिन ढाई साल बाद भी रोडवेज कर्मचारियों की मांगें नहीं मानी जा रही हैं. किशन सिंह ने कहा कि जैसे रोडवेज कर्मचारियों ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सरकार से बाहर करने का फैसला लिया था, उसी तरह अगर गहलोत सरकार ने मांगें नहीं मानी तो उन्हें भी सबक सिखाएंगे.