जयपुर. राज्यों के जीएसटी में हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति की बकाया राशि की एवज में राज्यों की ओर से खुद उधार लेने का विकल्प राजस्थान ने ठुकरा दिया है. साथ ही सितंबर तक का कुल बकाया 7300 करोड़ देने की मांग की. राजस्थान के साथ ही पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, छत्तीसगढ़, झारखंड ने भी राज्यों की ओर से उधार लेने का समर्थन किया है.
जीएसटी काउंसिल की 42 वीं बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग ने साफ शब्दों में कहा कि, जीएसटी से हुए राजस्व घाटे के नुकसान की भरपाई का दायित्व केंद्र का है. उन्होंने कहा कि इस घाटे की भरपाई बिल्कुल अलग बिंदु है और कोरोना के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए उधार लेना अलग बिंदु है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों से उनकी ओर से उधार लेने के विकल्प को चुनने की पुरजोर शब्दों में अपील की. लेकिन राज्यों ने अपनी मजबूरी बताते हुए ऐसा करने में असमर्थता जता दी.
वहीं गर्ग ने कहा कि मामले का समाधान नहीं हुआ है तो इसे केंद्र की जीओएम या ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के सामने रखकर निर्णय लें. जो कि 7 दिन में अपनी रिपोर्ट देकर मसले का हल करे. साथ ही उन्होंने बताया कि जो उधार लेने की बात कही जा रही है, वह केंद्र का दायित्व है. जबकि राज्यों को जीएसटी राजस्व की क्षति पूर्ति के बदले जो राशि दी जाती है, उसका राजस्थान का कुल बकाया है 7300 करोड़ है. पूरे मसले के समाधान के लिए मामले को कौंसिल ऑफ मिनिस्टर में भेजा जाए.
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साथ ही मंत्री गर्ग ने बताया कि जो जीएसटी की रिड्रेसल कमेटी है, उसके जरिए राज्यों के छोटे-छोटे मामले हल किए जाएं. केंद्र की ओर से जो विकल्प प्रस्तुत किया गया और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से अपील करके उधार लेने का आग्रह किया गया, उसे राजस्थान और पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने ठुकराया. अब कुछ समय लेकर केंद्र फैसला करेगा इस संबंध में फैसला करेगा.