जयपुर. कोरोना काल में करीब 7 महीने से चली आ रही निजी स्कूलों, सरकार और अभिभावकों की फीस के मुद्दे को लेकर रस्साकशी अब गंभीर मोड़ पर पहुंच गई है. फीस के अभाव में राजस्थान के सभी निजी स्कूलों की आर्थिक स्थिति अब बदहाल हो गई है. ऐसे में अब राजस्थान के सभी निजी स्कूल संगठनों ने आगामी 5 नवम्बर से स्कूलों का संचालन सम्पूर्ण रूप से बंद करने का फैसला किया है.
स्कूल संचालकों के अनुसार पिछले सात माह से वे किसी तरह से बमुश्किल स्टाफ को आश्वासन देकर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर रहे थे. परंतु अब विद्यालयों की आर्थिक स्थिति अब इस मुकाम पर पहुंच चुकी है, जहां स्कूल अपने कर्मचारियों को वेतन देना तो दूर, बल्कि उनके रोजमर्रा के खर्चे देने में भी सक्षम नहीं है. ऐसे में विद्यालयों के कर्मचारियों ने अब बिना वेतन कार्य करने के लिए पूर्णरूप से मना कर दिया है.
वहीं निजी स्कूल संचालक संदीप बक्शी ने कहा कि जब तक फीस का मामला कोर्ट में लंबित है, तब तक उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा 7 सितंबर 2020 को जारी आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए और अभिभावकों को बाध्य किया जाए कि वे नवंबर माह तक की बकाया फीस दीवाली से पूर्व जमा करवाएं अन्यथा सरकार इन सभी विद्यालयों को आर्थिक पैकेज प्रदान करे, जिससे कि विद्यालय के कर्मचारियों को दीवाली पर वेतन दिया जा सके.
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ऐसे में यदि विद्यालयों को अंतरिम राहत नहीं जाती है तो मजबूरन 5 नवंबर से सम्पूर्ण राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों का संचालन बंद करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है. जिसके चलते प्रदेशभर के सभी CBSE, राजस्थान बोर्ड और IB बोर्ड से संबंधित करीब 50 हजार विद्यालयों में कार्यरत 11 लाख कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट उत्पन्न होना अपेक्षित है. ऐसे में इन कर्मचारियों का अपने परिवारों के साथ सड़क पर आकर आंदोलन करना संभावित है. साथ ही राजस्थान में बड़ी संख्या में ऑनलाइन शिक्षा लेने वाले स्टूडेंट्स पर इसका गहरा असर पड़ेगा.