ETV Bharat / city

Rajasthan : भाजपा की नजरें मंत्रिमंडल पुनर्गठन से नाराज विधायकों पर, क्या Operation Lotus की है तैयारी ?

भाजपा (BJP) की नजरें गहलोत मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reorganization) में मौका नहीं मिलने से नाराज विधायकों पर है. प्रदेश भाजपा नेताओं (Rajasthan BJP Leaders) को इंतजार है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन में जगह नहीं मिलने वाले विधायकों के विरोध के स्वर और मुखर हो ताकि भाजपा इसका सियासी फायदा उठा सके. पिछले सियासी संकट (Rajasthan Political Crisis) के दौरान जो चर्चा ऑपरेशन लोटस (Operation Lotus) की चल रही थी, संभवता उसकी तैयारी भी शुरू हो सकती है.

Operation Lotus in rajasthan
क्या Operation Lotus की है तैयारी ?
author img

By

Published : Nov 22, 2021, 3:35 PM IST

जयपुर. मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reshuffle) के बाद लगातार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और कुछ विधायक अपने बयान जारी कर रहे हैं. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा (BJP MLA Ram Lal Sharma) ने एक बार फिर बयान जारी कर कहा है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार के पत्र, जौहरी मीणा का बयान और कई वरिष्ठ विधायकों की
अनदेखी इस बात का संकेत है कि नाराजगी के ये स्वर अभी धीरे उठे हैं. लेकिन समय के साथ और मुखर होंगे.

यही नहीं, रामलाल शर्मा यह भी कहते हैं कि यदि मंत्रियों को मनमाफिक विभाग न मिले तो भी असंतोष के स्वर मुखर होंगे. हालांकि, यह कांग्रेस प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) का आंतरिक मामला है, लेकिन जिस प्रकार इस पर भाजपा के नेता और खास तौर पर प्रवक्ता बयान जारी कर रहे हैं वो इस बात का संकेत है कि भाजपा का पूरा फोकस ही ऐसे विधायकों पर है जो अपनी ही सरकार और कांग्रेस पार्टी से इस मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद नाराज चल रहे हैं. लेकिन इंतजार इस बात का किया जा रहा है कि नाराजगी के स्वर वापस मुखर तरीके से सामने आए और संभवत: इसके बाद ही भाजपा अपना अगला सियासी दांव खेलने का सहास उठा पाएगी.

भाजपा विधायक और प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा

पूनिया समेत भाजपा के ये नेता भी कर चुके हैं बयान जारी...

राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और वासुदेव देवनानी भी बयान जारी कर निशाना साध चुके हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा था कि 13 जिले का मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. ऐसे में असंतुलित मंत्रिमंडल कब तक संतुलित होकर चलेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. वहीं, पूनिया ने तंज कसते हुए TWEET किया था, 'मंत्रिमंडल के रुझान आने शुरू…देखते रहिए आज तक -इंतजार करिए कुछ दिन तक...'

statement of bjp leaders
भाजपा नेताओं की बयानबाजी...

पढ़ें : Rajasthan Politics : गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद नाराज विधायकों की भावनाएं सुलगाने में जुटी भाजपा, जारी किया ये बयान...

पढ़ें : राजस्थान में सियासी घमासान के पहले अध्याय पर विराम..अगले पड़ाव में और मुश्किल से गुजरेगी प्रदेश कांग्रेस

सियासी संकट के दौरान कांग्रेस ने भाजपा पर लगाए ये आरोप थे...

करीब डेढ़ साल पहले जब राजस्थान में सियासी संकट आया था तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित मंत्रिमंडल के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने और गिराने की कोशिशों का आरोप लगाया था. लेकिन तब भाजपा के नेता यह कहकर बचते रहे कि सरकार खुद अपनी आंतरिक फूट के चलते गिरेगी, लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं हुआ और अब कांग्रेस के सभी नेताओं की आम सहमति से मंत्रिमंडल पुनर्गठन हो गया. हालांकि, इस पुनर्गठन के बाद कुछ विधायकों की नाराजगी के स्वर भी उठे, लेकिन बड़ी संख्या में निर्दलीय और खास तौर पर बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए 5 विधायकों को मंत्री पद नहीं मिल पाया. उनकी नाराजगी सामने आने का इंतजार भी भाजपा कर रही है.

जयपुर. मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reshuffle) के बाद लगातार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और कुछ विधायक अपने बयान जारी कर रहे हैं. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा (BJP MLA Ram Lal Sharma) ने एक बार फिर बयान जारी कर कहा है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार के पत्र, जौहरी मीणा का बयान और कई वरिष्ठ विधायकों की
अनदेखी इस बात का संकेत है कि नाराजगी के ये स्वर अभी धीरे उठे हैं. लेकिन समय के साथ और मुखर होंगे.

यही नहीं, रामलाल शर्मा यह भी कहते हैं कि यदि मंत्रियों को मनमाफिक विभाग न मिले तो भी असंतोष के स्वर मुखर होंगे. हालांकि, यह कांग्रेस प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) का आंतरिक मामला है, लेकिन जिस प्रकार इस पर भाजपा के नेता और खास तौर पर प्रवक्ता बयान जारी कर रहे हैं वो इस बात का संकेत है कि भाजपा का पूरा फोकस ही ऐसे विधायकों पर है जो अपनी ही सरकार और कांग्रेस पार्टी से इस मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद नाराज चल रहे हैं. लेकिन इंतजार इस बात का किया जा रहा है कि नाराजगी के स्वर वापस मुखर तरीके से सामने आए और संभवत: इसके बाद ही भाजपा अपना अगला सियासी दांव खेलने का सहास उठा पाएगी.

भाजपा विधायक और प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा

पूनिया समेत भाजपा के ये नेता भी कर चुके हैं बयान जारी...

राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और वासुदेव देवनानी भी बयान जारी कर निशाना साध चुके हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा था कि 13 जिले का मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. ऐसे में असंतुलित मंत्रिमंडल कब तक संतुलित होकर चलेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. वहीं, पूनिया ने तंज कसते हुए TWEET किया था, 'मंत्रिमंडल के रुझान आने शुरू…देखते रहिए आज तक -इंतजार करिए कुछ दिन तक...'

statement of bjp leaders
भाजपा नेताओं की बयानबाजी...

पढ़ें : Rajasthan Politics : गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद नाराज विधायकों की भावनाएं सुलगाने में जुटी भाजपा, जारी किया ये बयान...

पढ़ें : राजस्थान में सियासी घमासान के पहले अध्याय पर विराम..अगले पड़ाव में और मुश्किल से गुजरेगी प्रदेश कांग्रेस

सियासी संकट के दौरान कांग्रेस ने भाजपा पर लगाए ये आरोप थे...

करीब डेढ़ साल पहले जब राजस्थान में सियासी संकट आया था तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित मंत्रिमंडल के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने भाजपा पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने और गिराने की कोशिशों का आरोप लगाया था. लेकिन तब भाजपा के नेता यह कहकर बचते रहे कि सरकार खुद अपनी आंतरिक फूट के चलते गिरेगी, लेकिन तब ऐसा कुछ नहीं हुआ और अब कांग्रेस के सभी नेताओं की आम सहमति से मंत्रिमंडल पुनर्गठन हो गया. हालांकि, इस पुनर्गठन के बाद कुछ विधायकों की नाराजगी के स्वर भी उठे, लेकिन बड़ी संख्या में निर्दलीय और खास तौर पर बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए 5 विधायकों को मंत्री पद नहीं मिल पाया. उनकी नाराजगी सामने आने का इंतजार भी भाजपा कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.