जयपुर. दहेज लोभियों से राजस्थान पुलिस पूरी सख्ती के साथ निपट रही है. एनआरआई दहेज लोभियों से भी पुलिस सख्ती से निपट रही है. अगर कोई सात समुंदर पार रहकर किसी राजस्थान की महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहा है तो उसके खिलाफ राजस्थान पुलिस सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में ला रही है. दहेज संबंधी प्रकरणों से निपटने के लिए राजस्थान के प्रत्येक जिले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट का गठन किया गया है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट के दहेज के केसों की जांच करती है और प्रकरणों का निपटारा करती है. राजधानी जयपुर में कमिश्नरेट के चारों जिलों में 4 स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट कार्यरत है.
अक्सर देखने में आता है कि माता-पिता अपनी बेटी का रिश्ता एनआरआई दूल्हे से कर देते हैं, इसके लिए वो भारी भरकम दहेज भी देते हैं. इसके बावजूद कई एनआरआई दहेज के लिए लगातार अपनी पत्नियों को प्रताड़ित करते हैं. उनके साथ मारपीट करते हैं, लेकिन अब राजस्थान पुलिस ऐसे दहेज लोभी एनआरआई के खिलाफ केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
केस दर्ज होते ही पुलिस करवाती है काउंसलिंग...
एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि दहेज के प्रकरण दर्ज होने के बाद लड़का और लड़की दोनों पक्षों के लोगों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है. काउंसलिंग के दौरान दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाया जाता है. पुलिस यह जानने की कोशिश करती है कि कहीं वैचारिक मतभेद के चलते दहेज का मामला तो नहीं दर्ज करवाया गया है या फिर वास्तव में दहेज की मांग की जा रही है. यदि वैचारिक मतभेद के चलते लड़का और लड़की के बीच में कोई मनमुटाव हुआ है तो उसे काउंसलिंग के जरिए हल करने का पूरा प्रयास किया जाता है. वहीं, यदि पुलिस को लगता है कि शिकायत सही है और लड़का-लड़की को दहेज के लिए परेशान कर रहा है तो पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने का काम करती है.
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NRI दहेज लोभियों से निपटने में कानूनी पेंच...
सुनीता मीणा ने बताया कि विदेश में रहने वाले युवक से भारत में रह रहे माता-पिता अपनी बेटी का विवाह यह सोचकर कराते हैं कि विदेश में जाकर हमारी बेटी खुश रहेगी, लेकिन जब विदेश में रह रहे युवक दहेज को लेकर युवती को प्रताड़ित करते हैं तो उस वक्त पुलिस को अनेक तरह की कानूनी दाव पेंचों से गुजरना पड़ता है. जब किसी एनआरआई के खिलाफ दहेज का मुकदमा दर्ज होता है पुलिस के सामने आरोपी को भारत बुलाकर सजा दिलाना काफी मुश्किल होता है, लेकिन राजस्थान पुलिस दहेज लोभी को विदेश से भारत में बुलाने के लिए नोटिस जारी करती है और फिर उससे संबंधित प्रकरण में पूछताछ करती है. आरोप साबित होते हैं तो उसको कोर्ट में पेश कर सजा दिलवाई जाती है.
दहेज लोभियों को उजागर करना बेहद जरूरी...
एडिशनल डीसीपी का कहना है कि समाज में रहकर दहेज लोभियों को उजागर करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद जरूरी है. दहेज के लिए यदि कोई व्यक्ति किसी महिला को प्रताड़ित कर रहा है तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें. समाज को दहेज मुक्त और महिलाओं को शोषण मुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए यह बेहद जरूरी है. यदि कोई व्यक्ति महिला का सम्मान नहीं करता है तो वह स्वयं अपमानित होकर सलाखों के पीछे पहुंच जाता है. ऐसे में महिलाओं का सम्मान करना बेहद जरूरी है. जयपुर पुलिस द्वारा दहेज के प्रकरणों में सख्त कार्रवाई करने के फलस्वरूप वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में कमी दर्ज की गई है.