जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. इसके साथ ही संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. राज्य में बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से सख्ती भी बढ़ाई गई है. कोरोना के चलते आम जीवन पर भी काफी असर देखने को मिला है. अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा गई है, लेकिन दूसरी ओर सरकार की ओर से की गई सख्ती का सुखद पहलू भी अब आम जनता को देखने को मिल रहा है. सरकार की ओर से की गई सख्ती के बाद से ही प्रदेश के प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है.
बता दें, जहां 1 महीने पहले तक ज्यादातर शहरों में प्रदूषण का स्तर 200 या 250 से अधिक तक बना हुआ रहता था, तो वहीं ज्यादातर शहरों में यह प्रदूषण का स्तर गिरकर 100 के नीचे तक आ गया है. आमजन को अब पहले की तुलना में स्वस्थ हवा भी मिल रही है. हालांकि, अभी भी हवा के स्तर की बात की जाए तो ज्यादातर शहरों में हवा स्तर अब शुद्ध हो गया है, जो कि राहत भरी खबर है.
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दरअसल, 1 महीने पहले तक यह स्तर रेड ज़ोन के बीच में पहुंच गया था. हालांकि, अब थोड़ी आमजन को राहत भी मिली है. प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषण स्तर की बात की जाए तो आज प्रदेश में सर्वाधिक प्रदूषण स्तर जैसलमेर में दर्ज किया गया. प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से जारी किए गए आंकड़े यानी AQI को देखा जाए तो, आज जैसलमेर में प्रदूषण स्तर 129 दर्ज गया. इसके साथ ही सबसे कम प्रदूषण की बात की जाए तो आज सबसे कम प्रदूषण भरतपुर में दर्ज किया गया.
भरतपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 44 दर्ज किया गया. हालांकि, अभी भी लोग बिना कोई कार्य के घरों से बाहर निकल रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से सख्ती बढ़ाई गई है और कोई भी व्यक्ति बिना कार्य से बाहर नहीं निकले तो प्रदेश के प्रदूषण के स्तर में और गिरावट भी दर्ज की जा सकती है. पिछले साल केंद्र सरकार की ओर से देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था, जिसके अंतर्गत भी प्रदूषण के स्तर में काफी हद तक गिरावट देखने को मिली थी. राजधानी जयपुर में पिछले साल एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के नीचे तक आ गया था. आम जन को बिल्कुल शुद्ध हवा भी मिलने लगी थी.
राजस्थान के जिलों में AQI
जिला | AQI |
---|---|
जोधपुर | 45 |
भिवाड़ी | 110 |
पाली | 89 |
उदयपुर | 79 |
जयपुर | 44 |
अलवर | 62 |
कोटा | 68 |
अजमेर | 62 |
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ऐसे समझें खतरा
0 से 50 | हवा की गुणवत्ता अच्छी |
50 से 100 | हवा की गुणवत्ता ठीक |
101 से 200 | हवा की गुणवत्ता मॉडरेट |
201 से 300 | हवा की गुणवत्ता खराब |
301 से 400 | सांस रोग का खतरा |