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पंचायतों में हर साल 2 बार होगी सोशल ऑडिट, अनियमितता के लिए सरपंच ही नहीं अधिकारी भी होंगे दोषी-पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने विधानसभा में ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम, एवं सामुदायिक विकास की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दिया. राजस्थान विधानसभा में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा ने सरपंचों के प्रस्तावित विधानसभा घेराव को लेकर कहा (Panchayati Raj Minister on protest of Sarpanchs) कि जब से जब से सोशल ऑडिट शुरू कर मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है, उसका विरोध हो रहा है. विरोध के बावजूद रूकेंगे नहीं, सोशल ऑडिट होगा. अनियमितता के लिए सरपंच ही नहीं अधिकारी भी दोषी होंगे.

Panchayati Raj Minister on protest of Sarpanchs
पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा
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Published : Mar 15, 2022, 11:12 PM IST

Updated : Mar 16, 2022, 9:34 AM IST

जयपुर. राजस्थान में 22 मार्च को सरपंचों का विधानसभा घेराव प्रस्तावित है. सरपंचों की मांगों को लेकर विधानसभा में भी आज विधायकों ने उनकी पैरवी की है. हालांकि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा ने विधानसभा में साफ कर दिया है कि सरपंचों की बात सबने की, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि वह कौन सा गंभीर विषय है जिसे लेकर सरपंच नाराज हैं.

रमेश मीणा ने कहा कि जब से सोशल ऑडिट शुरू कर मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है, उसका विरोध हो रहा है. हमें धरातल पर गुणवत्ता वाला काम चाहिए, भले ही कोई कितना भी विरोध करे. हम ईमानदारी से काम करेंगे. कोई अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि, गलत काम करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. सोशल ऑडिट सभी पंचायतों में साल में 2 बार (Social Audit of Panchayats in Rajasthan) होगी. कुछ लोगों को डर है कि उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन हम रुकेंगे नहीं. सोशल ऑडिट होगी. हमारा प्रयास है कि गरीब को काम मिलना चाहिए.

पंचायतों में हर साल 2 बार होगी सोशल ऑडिट

राइडर हटाने के बाद भी 96.7 प्रतिशत जनप्रतिनिधि शिक्षित : विधानसभा में आज रमेश मीणा ने पंचायती राज चुनाव में शिक्षा का राइडर हटाने के निर्णय को सही निर्णय बताते हुए कहा कि जब लोकसभा में शिक्षा का राइडर नहीं है, तो फिर यह राइडर पंचायत चुनाव में भी नहीं होना चाहिए. यही सोचकर हमने शिक्षा का राइडर पंचायती राज चुनाव से हटाया था. इसके बाद हर कोई चिंता जता रहा था की राइडर हटा, तो अशिक्षित लोग ज्यादा आ जाएंगे. लेकिन कुल जनप्रतिनिधि की साक्षरता प्रतिशत 96.7 है. जिला परिषद सदस्यों का साक्षरता प्रतिशत 99.01, पंचायत सदस्यों का 95.28 और सरपंच का 96.47 प्रतिशत है.

पढ़ें: Udaipur ACB Action : एसीबी ने महिला सरपंच को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा

अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई: मंत्री रमेश मीना ने कहा कि कई बार सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई होती है. सम्भागीय आयुक्त अपनी शक्तियों से धारा 38 में सरपंच को घर बैठा देता है. अब यह देखा जाएगा कि गड़बड़ी में साइन किस बीडीओ, सहायक अभियंता या अन्य अधिकारी के थे. उसके खिलाफ भी कार्यवाही होगी, वह भी दोषी होंगे.

पढ़ें: No confidence motion against Sarpanch: बरडा सरपंच के खिलाफ हुए वार्ड पंच, पेश किया ​अविश्वास प्रस्ताव

अब सभी की जांच होगी: मंत्री ने इस दौरान अधिकारियों की ओर से लिखित में दिए गए ओडीएफ प्लस और ऑडियो को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह आंकड़े मुझे अधिकारियों ने दिए हैं. अब या तो मैं ओडीएफ प्लस की परिभाषा समझ नहीं पा रहा हूं या ये मुझे समझा नहीं पा रहे हैं. लेकिन अब 1202 ओडीएफ प्लस की जांच होगी. उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता सुधार के लिए जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद द्वारा कमेटी बनाकर भौतिक सत्यापन के बाद भुगतान के लिए आदेश जारी किए जाएंगे, ताकि आने वाले समय में ब्लॉक लेवल पर काम दिए जा सकें.

पढ़ें: Case against Bardod sarpanch: बर्डोद सरपंच के​ खिलाफ कोर्ट में इस्तगासे से मामला दर्ज, दस्तावेजों में गड़बड़ी का आरोप

अब विकास पथ का नाम होगा गांधी विकास पथ: विधानसभा में आज विधायकों ने विकास पथ पर भी जमकर कटाक्ष किए और कहा कि आज भी वह इस विकास पथ का इंतजार कर रहे हैं. इस पर मंत्री रमेश मीणा ने पहले तो पूर्ववर्ती सरकार के समय विपक्षी विधायकों को कोई सड़क नहीं देने की बात कही और उसके बाद सदन में घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में गांधी विकास पथ बनेंगे. जिसमें प्रथम चरण में 750 करोड़ से ढाई हजार किलोमीटर की सड़कें बनेंगी. आपको बता दें कि सचिन पायलट ने पंचायती राज मंत्री रहते हुए प्रदेश में सभी विधानसभा में विकास पथ की घोषणा की थी. वहीं नागौर में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज केंद्र की स्थापना होगी. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 90 की जगह 40 दिन में होगी.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने विधानसभा में ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम, एवं सामुदायिक विकास की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दिया. साथ ही ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम की 18 अरब, 39 करोड़ 4 लाख 76 हजार रुपए एवं सामुदायिक विकास की 99 अरब, 9 करोड़ 97 लाख 78 हजार रुपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी.

पढ़ेंः रूपाराम ने अपनी शेरो शायरी से बांधा समा तो गिरधारी लाल ने कर डाली ये मांग...

गुणवत्ता से नहीं होगा समझौताः उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा. इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर अलग से यूनिट गठित होगी. वे हर कार्यों पर नियमित निगरानी रखेंगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1202 ग्राम पंचायतें ओडीएफ प्लस घोषित हैं. उनकी वास्तविक स्थिति की भी जांच कराई जाएगी. जल ग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण कार्यों का कमेटी की ओर से भौतिक सत्यापन के बाद ही भुगतान किया जाएगा.

बेरोजगार और सेवानिवृत्त अभियंताओं की लेंगे सेवाएंः उन्होंने बताया कि तकनीकी अधिकारियों के रिक्त पदों पर जब तक भर्ती नहीं हो जाती, बेरोजगार अभियंताओं एवं सेवानिवृत्त अभियंताओं का जिलेवार पैनल तैयार कर तकनीकी सेवाएं ली जाएंगी. साथ ही तकनीकी के विकास को देखते हुए राज्य की सभी ग्राम पंचायत के सरपंचों को कम्प्यूटर मय प्रिंटर उपलब्ध कराए जाएंगे.

जनप्रतिनिधियों को पुरस्कार, बनेगा लैंड बैंकः उन्होंने बताया कि अच्छा कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को पुरस्कार दिए जाएंगे. साथ ही ग्राम पंचायतों की भूमि का रिकॉर्ड संधारित कर लैंड बैंक बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में जल ग्रहण विकास योजनाओं से समन्वय कर कृषकों की आय बढ़ाने के लिए आगामी 2 वर्षों में 50 हजार फार्म पॉण्ड, डिग्गी एवं टांकों का निर्माण लगभग 600 करोड़ की लागत से कराया जाएगा. इससे लगभग 10 हजार हैक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.

पढ़ेंः विधानसभा में स्पीकर जोशी को आया गुस्सा...सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा को सदन से बाहर करने के लिए मार्शल को कहा 'थ्रो हिम आउट'

विधायकों से किया आग्रहः उन्होंने पंचायत राज को सशक्त बनाने के लिए विधायकों से आग्रह किया कि ग्राम सभाओं, पंचायत समिति सभाओं और जिला परिषद की साधारण सभाओं में हिस्सा लें. विधायक उपस्थित रहेंगे तो अधिकारी ज्यादा जवाबदेही बनेंगे और कार्यों में सुधार आएगा.

लिंक ऑफिसर के रूप में कार्य करेंगे कनिष्ठ सहायकः उन्होंने बताया कि ग्राम विकास अधिकारियों के 5396 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मुख्य परीक्षा मई 2022 में प्रस्तावित है. अभी पद रिक्त होने से पंचायत कार्यालय नहीं खुलने की शिकायतें आ रही हैं. ऐसे में अब वीडीओ की अनुपस्थिति में कनिष्ठ सहायक लिंक ऑफिसर के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने बताया कि कनिष्ठ अभियंताओं के 2100 पदों पर भर्ती शीघ्र की जाएगी.

मनरेगा में प्रथम स्थानः मीणा ने बताया कि राजस्थान मनरेगा की क्रियांविति में देश में प्रथम स्थान पर रहा है. इस वित्तीय वर्ष में करीब 70 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए 40 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि गत सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 30 से 40 प्रतिशत अधिक उपलब्धि अर्जित की गई है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से सामग्री मद की राशि एक साल से अटकी हुई है. उन्होंने बताया कि तीन साल में 10 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराए गए हैं. राजीविका के तहत 2.48 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया. साथ ही प्रशासन गांवों के संग-2021 अभियान में 10 लाख 13 हजार पट्टे जारी किए गए.

जयपुर. राजस्थान में 22 मार्च को सरपंचों का विधानसभा घेराव प्रस्तावित है. सरपंचों की मांगों को लेकर विधानसभा में भी आज विधायकों ने उनकी पैरवी की है. हालांकि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री रमेश मीणा ने विधानसभा में साफ कर दिया है कि सरपंचों की बात सबने की, लेकिन किसी ने यह नहीं कहा कि वह कौन सा गंभीर विषय है जिसे लेकर सरपंच नाराज हैं.

रमेश मीणा ने कहा कि जब से सोशल ऑडिट शुरू कर मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है, उसका विरोध हो रहा है. हमें धरातल पर गुणवत्ता वाला काम चाहिए, भले ही कोई कितना भी विरोध करे. हम ईमानदारी से काम करेंगे. कोई अधिकारी हो या जनप्रतिनिधि, गलत काम करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. सोशल ऑडिट सभी पंचायतों में साल में 2 बार (Social Audit of Panchayats in Rajasthan) होगी. कुछ लोगों को डर है कि उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, लेकिन हम रुकेंगे नहीं. सोशल ऑडिट होगी. हमारा प्रयास है कि गरीब को काम मिलना चाहिए.

पंचायतों में हर साल 2 बार होगी सोशल ऑडिट

राइडर हटाने के बाद भी 96.7 प्रतिशत जनप्रतिनिधि शिक्षित : विधानसभा में आज रमेश मीणा ने पंचायती राज चुनाव में शिक्षा का राइडर हटाने के निर्णय को सही निर्णय बताते हुए कहा कि जब लोकसभा में शिक्षा का राइडर नहीं है, तो फिर यह राइडर पंचायत चुनाव में भी नहीं होना चाहिए. यही सोचकर हमने शिक्षा का राइडर पंचायती राज चुनाव से हटाया था. इसके बाद हर कोई चिंता जता रहा था की राइडर हटा, तो अशिक्षित लोग ज्यादा आ जाएंगे. लेकिन कुल जनप्रतिनिधि की साक्षरता प्रतिशत 96.7 है. जिला परिषद सदस्यों का साक्षरता प्रतिशत 99.01, पंचायत सदस्यों का 95.28 और सरपंच का 96.47 प्रतिशत है.

पढ़ें: Udaipur ACB Action : एसीबी ने महिला सरपंच को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा

अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई: मंत्री रमेश मीना ने कहा कि कई बार सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई होती है. सम्भागीय आयुक्त अपनी शक्तियों से धारा 38 में सरपंच को घर बैठा देता है. अब यह देखा जाएगा कि गड़बड़ी में साइन किस बीडीओ, सहायक अभियंता या अन्य अधिकारी के थे. उसके खिलाफ भी कार्यवाही होगी, वह भी दोषी होंगे.

पढ़ें: No confidence motion against Sarpanch: बरडा सरपंच के खिलाफ हुए वार्ड पंच, पेश किया ​अविश्वास प्रस्ताव

अब सभी की जांच होगी: मंत्री ने इस दौरान अधिकारियों की ओर से लिखित में दिए गए ओडीएफ प्लस और ऑडियो को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह आंकड़े मुझे अधिकारियों ने दिए हैं. अब या तो मैं ओडीएफ प्लस की परिभाषा समझ नहीं पा रहा हूं या ये मुझे समझा नहीं पा रहे हैं. लेकिन अब 1202 ओडीएफ प्लस की जांच होगी. उन्होंने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता सुधार के लिए जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद द्वारा कमेटी बनाकर भौतिक सत्यापन के बाद भुगतान के लिए आदेश जारी किए जाएंगे, ताकि आने वाले समय में ब्लॉक लेवल पर काम दिए जा सकें.

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अब विकास पथ का नाम होगा गांधी विकास पथ: विधानसभा में आज विधायकों ने विकास पथ पर भी जमकर कटाक्ष किए और कहा कि आज भी वह इस विकास पथ का इंतजार कर रहे हैं. इस पर मंत्री रमेश मीणा ने पहले तो पूर्ववर्ती सरकार के समय विपक्षी विधायकों को कोई सड़क नहीं देने की बात कही और उसके बाद सदन में घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में गांधी विकास पथ बनेंगे. जिसमें प्रथम चरण में 750 करोड़ से ढाई हजार किलोमीटर की सड़कें बनेंगी. आपको बता दें कि सचिन पायलट ने पंचायती राज मंत्री रहते हुए प्रदेश में सभी विधानसभा में विकास पथ की घोषणा की थी. वहीं नागौर में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज केंद्र की स्थापना होगी. जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक 90 की जगह 40 दिन में होगी.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने विधानसभा में ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम, एवं सामुदायिक विकास की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दिया. साथ ही ग्रामीण विकास के विशेष कार्यक्रम की 18 अरब, 39 करोड़ 4 लाख 76 हजार रुपए एवं सामुदायिक विकास की 99 अरब, 9 करोड़ 97 लाख 78 हजार रुपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी.

पढ़ेंः रूपाराम ने अपनी शेरो शायरी से बांधा समा तो गिरधारी लाल ने कर डाली ये मांग...

गुणवत्ता से नहीं होगा समझौताः उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा. इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर अलग से यूनिट गठित होगी. वे हर कार्यों पर नियमित निगरानी रखेंगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1202 ग्राम पंचायतें ओडीएफ प्लस घोषित हैं. उनकी वास्तविक स्थिति की भी जांच कराई जाएगी. जल ग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण कार्यों का कमेटी की ओर से भौतिक सत्यापन के बाद ही भुगतान किया जाएगा.

बेरोजगार और सेवानिवृत्त अभियंताओं की लेंगे सेवाएंः उन्होंने बताया कि तकनीकी अधिकारियों के रिक्त पदों पर जब तक भर्ती नहीं हो जाती, बेरोजगार अभियंताओं एवं सेवानिवृत्त अभियंताओं का जिलेवार पैनल तैयार कर तकनीकी सेवाएं ली जाएंगी. साथ ही तकनीकी के विकास को देखते हुए राज्य की सभी ग्राम पंचायत के सरपंचों को कम्प्यूटर मय प्रिंटर उपलब्ध कराए जाएंगे.

जनप्रतिनिधियों को पुरस्कार, बनेगा लैंड बैंकः उन्होंने बताया कि अच्छा कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों एवं कार्मिकों को पुरस्कार दिए जाएंगे. साथ ही ग्राम पंचायतों की भूमि का रिकॉर्ड संधारित कर लैंड बैंक बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में जल ग्रहण विकास योजनाओं से समन्वय कर कृषकों की आय बढ़ाने के लिए आगामी 2 वर्षों में 50 हजार फार्म पॉण्ड, डिग्गी एवं टांकों का निर्माण लगभग 600 करोड़ की लागत से कराया जाएगा. इससे लगभग 10 हजार हैक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.

पढ़ेंः विधानसभा में स्पीकर जोशी को आया गुस्सा...सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा को सदन से बाहर करने के लिए मार्शल को कहा 'थ्रो हिम आउट'

विधायकों से किया आग्रहः उन्होंने पंचायत राज को सशक्त बनाने के लिए विधायकों से आग्रह किया कि ग्राम सभाओं, पंचायत समिति सभाओं और जिला परिषद की साधारण सभाओं में हिस्सा लें. विधायक उपस्थित रहेंगे तो अधिकारी ज्यादा जवाबदेही बनेंगे और कार्यों में सुधार आएगा.

लिंक ऑफिसर के रूप में कार्य करेंगे कनिष्ठ सहायकः उन्होंने बताया कि ग्राम विकास अधिकारियों के 5396 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मुख्य परीक्षा मई 2022 में प्रस्तावित है. अभी पद रिक्त होने से पंचायत कार्यालय नहीं खुलने की शिकायतें आ रही हैं. ऐसे में अब वीडीओ की अनुपस्थिति में कनिष्ठ सहायक लिंक ऑफिसर के रूप में कार्य करेगा. उन्होंने बताया कि कनिष्ठ अभियंताओं के 2100 पदों पर भर्ती शीघ्र की जाएगी.

मनरेगा में प्रथम स्थानः मीणा ने बताया कि राजस्थान मनरेगा की क्रियांविति में देश में प्रथम स्थान पर रहा है. इस वित्तीय वर्ष में करीब 70 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराते हुए 40 करोड़ मानव दिवस सृजित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि गत सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 30 से 40 प्रतिशत अधिक उपलब्धि अर्जित की गई है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से सामग्री मद की राशि एक साल से अटकी हुई है. उन्होंने बताया कि तीन साल में 10 लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराए गए हैं. राजीविका के तहत 2.48 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया. साथ ही प्रशासन गांवों के संग-2021 अभियान में 10 लाख 13 हजार पट्टे जारी किए गए.

Last Updated : Mar 16, 2022, 9:34 AM IST
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