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सीबीएसई से मान्यता प्राप्त संस्थान के कर्मचारी भी ग्रेच्युटी के हकदार

राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण ने सीबीएसई से मान्यता प्राप्त (employee entitled to gratuity) संस्थान के कर्मचारी को भी ग्रेच्युटी व ब्याज प्राप्त करने का हकदार माना है.

employees of CBSE affiliated institutions,  CBSE affiliated institutions
कर्मचारी भी ग्रेच्युटी के हकदार.
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Published : Sep 1, 2022, 7:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण ने सीबीएसई से मान्यता प्राप्त संस्थान के कर्मचारी (employee entitled to gratuity) को भी ग्रेच्युटी व ब्याज प्राप्त करने का हकदार माना है. इसके साथ ही अधिकरण ने कोटा स्थित सेंट पॉल सीनियर सैकण्डरी स्कूल की प्रबंध समिति को निर्देश दिया है कि वह प्रार्थी को ग्रेच्युटी राशि व छह प्रतिशत ब्याज का भुगतान करे. अधिकरण ने यह आदेश जयराज सिंह के प्रार्थना पत्र पर दिया.

प्रार्थना पत्र में बताया कि प्रार्थी की नियुक्ति 5 जुलाई 1976 को हुई थी. उसने 1 जुलाई 2005 को संस्थान से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन उसे ग्रेच्युटी राशि का भुगतान नहीं किया. इसे अधिकरण में चुनौती देने पर संस्थान ने कहा कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त संस्था ग्रेच्युटी भुगतान के लिए उत्तरदायी नहीं है. क्योंकि सीबीएसई बाईलॉज को मानना संस्था के लिए बाध्यकारी नहीं है.

पढ़ेंः गैर अनुदानित शिक्षण संस्था के कर्मचारी भी ग्रेच्युटी के हकदार

यह संस्था व सीबीएसई के बीच का मामला है और तीसरा पक्ष इसका लाभ नहीं ले सकता. जवाब में प्रार्थी ने कहा कि संस्था मान्यता लेते समय यह अंडरटेकिंग देती है कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी व अन्य सुविधाएं दी जाएगी. ऐसे में संस्थान कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य है. इसके अलावा पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट की परिभाषा में संशोधन के बाद शिक्षक भी कर्मचारी की परिभाषा में है. इसलिए उसे ग्रेच्युटी राशि ब्याज सहित दिलवाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने ग्रेच्युटी राशि ब्याज सहित अदा करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण ने सीबीएसई से मान्यता प्राप्त संस्थान के कर्मचारी (employee entitled to gratuity) को भी ग्रेच्युटी व ब्याज प्राप्त करने का हकदार माना है. इसके साथ ही अधिकरण ने कोटा स्थित सेंट पॉल सीनियर सैकण्डरी स्कूल की प्रबंध समिति को निर्देश दिया है कि वह प्रार्थी को ग्रेच्युटी राशि व छह प्रतिशत ब्याज का भुगतान करे. अधिकरण ने यह आदेश जयराज सिंह के प्रार्थना पत्र पर दिया.

प्रार्थना पत्र में बताया कि प्रार्थी की नियुक्ति 5 जुलाई 1976 को हुई थी. उसने 1 जुलाई 2005 को संस्थान से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन उसे ग्रेच्युटी राशि का भुगतान नहीं किया. इसे अधिकरण में चुनौती देने पर संस्थान ने कहा कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त संस्था ग्रेच्युटी भुगतान के लिए उत्तरदायी नहीं है. क्योंकि सीबीएसई बाईलॉज को मानना संस्था के लिए बाध्यकारी नहीं है.

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यह संस्था व सीबीएसई के बीच का मामला है और तीसरा पक्ष इसका लाभ नहीं ले सकता. जवाब में प्रार्थी ने कहा कि संस्था मान्यता लेते समय यह अंडरटेकिंग देती है कि कर्मचारियों को ग्रेच्युटी व अन्य सुविधाएं दी जाएगी. ऐसे में संस्थान कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य है. इसके अलावा पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट की परिभाषा में संशोधन के बाद शिक्षक भी कर्मचारी की परिभाषा में है. इसलिए उसे ग्रेच्युटी राशि ब्याज सहित दिलवाई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने ग्रेच्युटी राशि ब्याज सहित अदा करने को कहा है.

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