जयपुर. पिछले दिनों जिन 19 जिलों में प्रभारियों को बदला गया था, उनमें दो मौजूदा सांसदों से भी जिला प्रभारी का दायित्व लिया गया. इसमें भरतपुर से जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा और जयपुर दक्षिण से अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी से यह दायित्व लिया गया.
प्रदेश सचिव श्रवण सिंह बगड़ी के पास पूर्व में दौसा जिला प्रभारी का दायित्व था, लेकिन उन्हें हटाकर यह दायित्व शैलेंद्र भार्गव को दे दिया गया. इस तरह अन्य कुछ बदलाव भी पूर्व में किए गए थे. हालांकि, इसके बाद चर्चा यह भी शुरू हो गई कि बदलाव का मुख्य कारण निष्क्रियता है या फिर कुछ और, लेकिन सामने आया कि कुछ को निष्क्रियता के चलते बदला गया तो कुछ को अन्य जिम्मेदारियों के चलते इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया.
वहीं, सांसद रामचरण बोहरा और भागीरथ चौधरी वसुंधरा राजे समर्थकों में शामिल हैं. ऐसे में उन्हें जिला प्रभारी के दायित्व से मुक्त करना भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
निष्क्रिय से मांगेंगे माफी, सक्रिय को दिया जाएगा मौका : पूनिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि पार्टी में जल्द ही निष्क्रिय कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों से हाथ जोड़ा जाएगा और नए चेहरे जो ऊर्जावान और सक्रिय हैं, उनको स्थान दिया जाएगा.
पूनिया का यह बयान भी अपने आप में एक सियासी संकेत है, जो साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा को और अधिक मजबूती देने की दिशा में काम करने की पहल को बताता है. संकेत यह भी है कि पार्टी में पद पाकर जो सक्रियता से काम नहीं करेगा तो भी पार्टी की जिम्मेदारी से उन्हें मुक्त किया जाएगा.