जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर मंत्रालयिक कमर्चारियों ने वादाखिलाफी का आरोप लगया है. प्रदेशभर के समस्त मंत्रालयिक कर्मचारी 17 दिसंबर को वादा खिलाफी दिवस मनाएंगे. मंत्रालयिक कमर्चारियों की नाराजगी है कि सरकार ने सत्ता में आने से पहले जो वायदे किए, उन्हें दो साल होने के बाद भी पूरा नहीं किया.
अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने बताया कि मंत्रालयिक कर्मचारी 17 दिसंबर को वादा खिलाफी दिवस मनाएंगे. वर्ष 2018 में मंत्रालयिक कर्मचारियों की ओर से जयपुर में बड़ा आंदोलन किया गया था, जिसमें तत्कालीन सरकार की हठधर्मिता के कारण सुरेंद्र चौधरी का निधन हो गया था.
इस निधन पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि तत्कालीन सरकार को मंत्रालयिक कर्मचारियों की वाजिब मांगे माननी चाहिए, लेकिन आज वर्तमान में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और दो साल पूरा होने के बाद भी मंत्रालयिक कर्मचारी की स्थिति पहले जैसी ही है. इससे प्रदेश भर के समस्त विभागों के हजारों मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी रोष है.
मनीष विधानी ने बताया कि 17 दिसंबर को प्रदेश के हर जिले में मंत्रालयिक कर्मचारियों की ओर से जिला कलेक्ट्रेट के आगे प्रदर्शन कर वादा खिलाफी दिवस मनाया जाएगा. वर्तमान में मंत्रालयिक के कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है. वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार की ओर से मंत्रालयिक कर्मचारियों को जो लाभ दिया गया था, उसे छीनते हुए वर्ष 2017 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने वेतन कटौती के आदेश जारी कर दिए. इस आदेश को कांग्रेस सरकार ने अब तक वापस नहीं लिया है.