जयपुर. भू-जल एवं जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने प्रदेश में भू-जल पुनर्भरण एवं प्रबंधन के लिए विभागीय अधिकारियों को सतत रूप से कारगर उपाय करने के निर्देश दिए हैं. डॉ. कल्ला मंगलवार को जयपुर में भू-जल विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने बैठक में अटल भू-जल योजना की प्रगति की भी समीक्षा की और अधिकारियों को इसके निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करते हुए जनभागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
भू-जल मंत्री ने बैठक में अधिकारियों के साथ प्रदेश में भू-जल के परिदृश्य पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर की रोकथाम के लिए सामुदायिक सहभागिता से भू-जल प्रबंधन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए अटल भू जल योजना के प्रभावी क्रियान्यवन करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना के कार्यों मे गति लाने के लिए विभागीय अधिकारी सजगता से प्रयास करे और अन्तरविभागीय गतिविधियों पर भी फोकस करते हुए अन्य विभागों के साथ समन्वय से आगे बढ़े. उन्होंने विभाग की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा करते हुए वित्तीय वर्ष समाप्ति से पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं.
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बैठक में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू-जल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अधिकारियों को अटल भू-जल योजना के कार्यक्रम एवं गतिविधियों का क्रियान्वयन बिना किसी शिथिलता के करने के निर्देश दिए हैं. बैठक में जलदाय एवं भू-जल विभाग की विशिष्ट सचिव उर्मिला राजोरिया एवं भू-जल विभाग के मुख्य अभियंता सूरजभान सिंह एवं अटल भूजल योजना के नोड़ल अधिकारी डॉ. वी. एन. भावे के अलावा सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे.
बैठक में मुख्य अभियंता ने अपने प्रस्तुतीकरण में भूजल विभाग की गतिविधियों के बारें में विस्तृत जानकारी दी. इसमें बताया गया कि विभाग द्वारा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के लिए पेयजल स्रोतों का चिन्हिकरण कर नलकूप एवं हैण्डपम्प वेधन का कार्य किया जा रहा है. अटल भू-जल योजना का राज्य के चिन्हित 17 जिलों की 38 पंचायत समितियों की 1144 ग्राम पंचायतों में अटल भू जल योजना का क्रियान्यवन किया जा रहा है.
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बैठक में बताया गया कि अटल भू-जल योजना के तहत प्रदेश में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, कृषि, उद्यानिकी, जलग्रहण एवं भू-संरक्षण, जल संसाधन, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, वन एवं उर्जा विभाग जैसे सहभागी विभागों के साथ जल प्रबंधन के कार्यों के लिए पांच वर्ष की अवधि में 1189.65 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसमें से 1024.97 करोड़ रुपए प्रोत्साहन घटक तथा 164.68 करोड़ रुपए की राशि संस्थागत ढांचा विकास के लिए अनुदान के रूप में रखी गई है. बैठक में विभाग में रिक्त पदों को भरने सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई.