जयपुर. समयबद्ध पदोन्नति, नायाब तहसीलदार के शत-प्रतिशत पद पदोन्नति से भरने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे कानूनगो अब पटवारियों की तरह आंदोलन की राह पर चल सकते हैं. राजस्थान कानूनगो संघ की ओर से शनिवार को की गई प्रेस वार्ता में यह चेतावनी दी गई है. इससे पहले कानूनगो संघ की एक बैठक हुई. जिसमें सरकार के रवैये को लेकर नाराजगी जताई गई.
कानूनगो संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके साथ हुए लिखित समझौते की बातों को भी सरकार लागू नहीं कर पाई है. यह सरकार की विफलता और इच्छाशक्ति की कमी को दिखाता है. राजस्थान कानूनगो संघ के प्रदेश महामंत्री सुरेशपाल सिंह का कहना है कि अपनी लंबित मांगों को लेकर कानूनगो लंबे समय से सरकार से बातचीत और पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन इनका निस्तारण नहीं होने के कारण 25 जनवरी 2021 से कानूनगो आंदोलन कर रहे हैं. अभी तक सरकार ने कोई समाधान नहीं किया है.
उन्होंने बताया कि कई बार पत्राचार के बाद भी भू अभिलेख निरीक्षक से नायाब तहसीलदार के पद पर पदोन्नति नहीं की जा रही है. इसके लिए डीपीसी भी अब तक नहीं करवाई गई है. उसके साथ ही उन्होंने नायाब तहसीलदार के सभी पद भू-अभिलेख निरीक्षक की पदोन्नति से भरने की भी लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक उनकी इस मांग का कोई समाधान नहीं निकला है. कानूनगो संघ ने भू-अभिलेख निरीक्षक की अवैधानिक रूप से वरिष्ठता सूची जारी करने का आरोप लगाकर इस सूची को निरस्त करने की भी मांग की है.
राजस्थान कानूनगो संघ के महामंत्री सुरेशपाल सिंह का कहना है कि कानूनगो वर्ग को पटवारियों से तीन गुना अतिरिक्त कार्य भत्ता दिलवाने, स्टेशनरी भत्ता दिलवाने, दोहरा कार्यभत्ता दिलवाने, स्थायी यात्रा भत्ता दिलवाने, पे लेवल एल-12 दिलवाने और कार्यालय में सहायक कर्मचारी की नियुक्ति करने की मांग लंबे समय से की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने भू-अभिलेख निरीक्षक से पटवारी का काम नहीं करवाने, भू-अभिलेख निरीक्षकों से राजस्व लेखाकार का काम नहीं करवाने, अतिरिक्त कार्यभार वाले भू-अभिलेख निरीक्षक कार्यालय का भत्ता दिलवाने की भी मांग रखी और चेतावनी दी कि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वे आंदोलन तेज करेंगे.
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इसके साथ ही राजस्थान कानूनगो संघ ने राजस्थान पटवार संघ के जिलाध्यक्ष पर हुए हमले की घटना की निंदा की. उनका कहना है हमलावर अभी तक भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. यह पुलिस और प्रशासन की विफलता है. उन्होंने इस तरह की भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके पुख्ता इंतजाम करने की मांग भी की है.