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स्पेशलः कौन लेगा बेजुबानों का हाल...वेटनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा राजस्थान

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Published : Feb 5, 2021, 11:36 AM IST

देश में सबसे ज्यादा पशुधन राजस्थान में है, लेकिन बेजुबानों की सेहत का हाल लेने वालों की संख्या औसतन कम है. राजस्थान वेटनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा है. राजस्थान, पशुधन मामले में देशभर में नंबर दो पर आता. ऐसे में वेटनरी डॉक्टरों की संख्या भी पशुधन के हिसाब से अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन अभी राजस्थान में पशुधन के हिसाब से वेटनरी डॉक्टरों का टोटा है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Rajasthan struggling shortage Veterinary Doctors, राजस्थान में वेटनरी डॉक्टर्स की कमी
कौन लेगा बेजुबानों का हाल

जयपुर. राजस्थान पशुधन मामले में देशभर में नंबर दो पर आता, ऐसे में वेटनरी डॉक्टरों की संख्या भी पशुधन के हिसाब से अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन अभी राजस्थान में पशुधन के हिसाब से वेटनरी डॉक्टरों का टोटा है. हालांकि, सरकार रिक्त पदों को भरने के लिए लगाता कोशिश कर रही है.

वेटनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा राजस्थान

दरअसल, राजस्थान में देश के प्रमुख पशुओं में से 10.76 फीसदी प्रवास करते हैं. हालात यह है कि पूरे देश में मौजूद 2 लाख 52 हजार ऊंटो में से राजस्थान में 84 हजार ऊंट राजस्थान में हैं. ऊंट को तो रेगिस्तानी जहाज कहा जाता है, ऐसे में देश के सबसे ज्यादा ऊंट राजस्थान में हैं, लेकिन बकरियों की संख्या में भी राजस्थान देश में नंबर 1 है, तो वही भैंसों की संख्या में नंबर दो , भेड़ वंश की संख्या में नंबर 4, अश्व वंश की संख्या में नंबर तीन और गोवंश की संख्या में राजस्थान का नंबर 6 आता है. इस तरीके से इन प्रमुख पशुओं की बात की जाए तो राजस्थान देश में नंबर दो पर आता है और देश में कुल पशुधन में से राजस्थान में 10.76 फीसदी पशुधन है.

साल 2019 की पशुधन जनगणना के अनुसार प्रदेश पशुओं की संख्या

पशु वंशदेश मेंराज्य मेंदेश में स्थानदेश में औसत
बकरी488.85 लाख208.40 लाख114 फीसदी
ऊंट2.52 लाख2.13 लाख184.43 फीसदी
भैंस 1098.52 लाख136.93 लाख2 12.47 फीसदी
भेड़742.61 लाख79.04 लाख4 10.64 फीसदी
अश्व3.42 लाख0.34 लाख39.84 फीसदी
गाय1925.23 लाख139.12 लाख6 7.23 फीसदी
कुल5261.15 लाख565.96 लाख210.76 फीसदी

यह भी पढ़ेंः धौलपुर-भरतपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार के साथ बैठक, मुकदमे वापस लेने और भर्ती प्रक्रिया में नियमों की पालना का दिया आश्वासन

वेटरनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा राजस्थान

राजस्थान पशुधन मामले में देशभर में नंबर दो पर आता, ऐसे में वेटनरी डॉक्टरों की संख्या भी पशुधन के हिसाब से अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन अभी राजस्थान में पशुधन के हिसाब से वेटनरी डॉक्टरों का टोटा है. ऐसा नहीं है कि सरकार वेटनरी डॉक्टरों की भरपाई करने की कोशिश नहीं कर रही है. आलम ये है कि राजस्थान में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद 1124 हैं, उनमें से वर्तमान में 221 पद खाली हैं. वहीं, पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद कुल 1936 हैं, जिनमें से 1032 पद रिक्त हैं. इस कमी को पूरा करने के लिए 900 पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर ने दिनांक 2 अगस्त 2020 को लिखित परीक्षा करवा ली है. आयोग की ओर से लिखित परीक्षा का परिणाम जारी भी किया जा चुका है, लेकिन प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से साक्षात्कार के लिए अभी समय तय नहीं किया गया है.

राजस्थान में संचालित पशु चिकित्सा संस्थाओं का जिलेवार विवरण

जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
श्रीगंगानगर 31 2641 7 146 224
हनुमानगढ़ 3 1 20 53 6 155 238
बीकानेर 3 1 27 62 9 171 273
चूरू 3 1 23 47 5 176 255
झुंझुनू 3 1 35 102 0 186 327
सीकर 31 31 94 10 232 371
जयपुर32 58 97 10 358 528
जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
अलवर 3 1 34 79 9 330 456
दौसा 3 1 17 42 5 128 196
भरतपुर 3 1 23 52 7 246 332
धौलपुर 3 1 12 25 5 62 108
करौली 3 1 12 31 7 101 155
सवाईमाधोपुर 3 1 15 24 6 123 172
टोंक 3 1 18 42 5 121 190
अजमेर 3 1 30 67 5 162 268
नागौर 6 1 37 103 11 292 450

यह भी पढ़ेंः राजस्थान कांग्रेस में राजनीति नियुक्तियों का दौर, जिला स्तर पर 65 समितियों में कार्यकर्ताओं को मिली जिम्मेदारी...यहां देखें लिस्ट

जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
भीलवाड़ा 3 1 38 68 10 179 299
पाली 3 1 26 65 5 153 253
जोधपुर 3 2 33 86 8 218 350
जैसलमेर 3 1 12 28 1 66 111
बाड़मेर 3 1 30 69 5 203 311
जालोर 3 1 19 37 6 154 220
सिरोही 3 1 13 29 7 89 142
उदयपुर 3 1 36 70 6 317 433
डूंगरपुर 3 1 23 43 6 176 252

यह भी पढ़ेंः पटाखे बेचने और जलाने पर अब नहीं लगेगा जुर्माना, गृह विभाग ने जारी की नई अधिसूचना

साल 2018 में पशुधन सहायक भर्ती में 2115 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति आदेश जारी कर उन्हें पदस्थापन किया जा चुका है और 18 चयनित अभ्यर्थियों का पदस्थापन किया जाना प्रक्रियाधीन है. बीते बजट घोषणा के कारण 600 नवीन पशु चिकित्सा केंद्रों हेतु पशुधन सहायकों 600 नवीन पद स्वीकृत किए जा चुके हैं. 600 नवीन पशु चिकित्सा केंद्रों में से 571 पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले जा चुके हैं. इन पदों पर भर्ती के क्रम में शीघ्र ही कर्मचारी चयन बोर्ड को भेज दिया जाएगा.

जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
बांसवाड़ा 3 1 23 50 6 138 221
चित्तौड़गढ़ 3 1 19 44 7 147 221
राजसमंद 3 1 17 34 4 126 185
बूंदी 3 1 12 21 4 102 143
कोटा 3 1 15 29 4 97 149
बारां 3 1 18 30 4 108 164
झालावाड़ 37 1 22 25 4 102 15
प्रतापगढ़ 3 1 12 20 4 103 143
कुल 102 35 786 1709 198 5467 8297

प्रदेश में पशु चिकित्सा केंद्र खोलने के मापदंड

  • ग्रामीण क्षेत्र

ग्रामीण इलाके में पशु चिकित्सा केंद्र खोलने के लिए निकटतम पशु चिकित्सालय या उप केंद्र और संस्था से 6 किलोमीटर दूरी होना चाहिए. न्यूनतम कुल पशुधन की संख्या 6 किलोमीटर की परिधि में करीब 5000 होनी चाहिए. पक्की सड़क, पानी, बिजली, दूरभाष की सुविधाएं उपलब्ध होने पर पशु चिकित्सालय को प्राथमिकता दी जाती है, तो वहीं 200 वर्ग गज जमीन और तीन से चार कमरों का पक्का निशुल्क भवन उपलब्ध होने पर ही पशु चिकित्सालय को प्राथमिकता दी जाती है.

यह भी पढ़ेंः सियासी टूर : किसान सम्मेलन के जरिए राजनीतिक जमीन सींचने उतरेंगे सचिन पायलट

  • शहरी क्षेत्र

शहरी इलाकों में निकटतम पशु चिकित्सालय केंद्र एवं संस्था से 4 किलोमीटर दूरी होना चाहिए. न्यूनतम पशुधन की संख्या 4 किलोमीटर की परिधि में लगभग 3000 होनी चाहिए. पक्की सड़क, बिजली, पानी दूरभाष की सुविधाएं उपलब्ध होने पर प्राथमिकता दी जाती है, तो वहीं 150 वर्ग गज जमीन की उपलब्धता और 4 कमरों का पक्का निशुल्क भवन उपलब्ध होने पर पशु चिकित्सालय या उप केंद्र को प्राथमिकता दी जाती है.

जयपुर. राजस्थान पशुधन मामले में देशभर में नंबर दो पर आता, ऐसे में वेटनरी डॉक्टरों की संख्या भी पशुधन के हिसाब से अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन अभी राजस्थान में पशुधन के हिसाब से वेटनरी डॉक्टरों का टोटा है. हालांकि, सरकार रिक्त पदों को भरने के लिए लगाता कोशिश कर रही है.

वेटनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा राजस्थान

दरअसल, राजस्थान में देश के प्रमुख पशुओं में से 10.76 फीसदी प्रवास करते हैं. हालात यह है कि पूरे देश में मौजूद 2 लाख 52 हजार ऊंटो में से राजस्थान में 84 हजार ऊंट राजस्थान में हैं. ऊंट को तो रेगिस्तानी जहाज कहा जाता है, ऐसे में देश के सबसे ज्यादा ऊंट राजस्थान में हैं, लेकिन बकरियों की संख्या में भी राजस्थान देश में नंबर 1 है, तो वही भैंसों की संख्या में नंबर दो , भेड़ वंश की संख्या में नंबर 4, अश्व वंश की संख्या में नंबर तीन और गोवंश की संख्या में राजस्थान का नंबर 6 आता है. इस तरीके से इन प्रमुख पशुओं की बात की जाए तो राजस्थान देश में नंबर दो पर आता है और देश में कुल पशुधन में से राजस्थान में 10.76 फीसदी पशुधन है.

साल 2019 की पशुधन जनगणना के अनुसार प्रदेश पशुओं की संख्या

पशु वंशदेश मेंराज्य मेंदेश में स्थानदेश में औसत
बकरी488.85 लाख208.40 लाख114 फीसदी
ऊंट2.52 लाख2.13 लाख184.43 फीसदी
भैंस 1098.52 लाख136.93 लाख2 12.47 फीसदी
भेड़742.61 लाख79.04 लाख4 10.64 फीसदी
अश्व3.42 लाख0.34 लाख39.84 फीसदी
गाय1925.23 लाख139.12 लाख6 7.23 फीसदी
कुल5261.15 लाख565.96 लाख210.76 फीसदी

यह भी पढ़ेंः धौलपुर-भरतपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की सरकार के साथ बैठक, मुकदमे वापस लेने और भर्ती प्रक्रिया में नियमों की पालना का दिया आश्वासन

वेटरनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा राजस्थान

राजस्थान पशुधन मामले में देशभर में नंबर दो पर आता, ऐसे में वेटनरी डॉक्टरों की संख्या भी पशुधन के हिसाब से अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन अभी राजस्थान में पशुधन के हिसाब से वेटनरी डॉक्टरों का टोटा है. ऐसा नहीं है कि सरकार वेटनरी डॉक्टरों की भरपाई करने की कोशिश नहीं कर रही है. आलम ये है कि राजस्थान में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद 1124 हैं, उनमें से वर्तमान में 221 पद खाली हैं. वहीं, पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद कुल 1936 हैं, जिनमें से 1032 पद रिक्त हैं. इस कमी को पूरा करने के लिए 900 पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर ने दिनांक 2 अगस्त 2020 को लिखित परीक्षा करवा ली है. आयोग की ओर से लिखित परीक्षा का परिणाम जारी भी किया जा चुका है, लेकिन प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से साक्षात्कार के लिए अभी समय तय नहीं किया गया है.

राजस्थान में संचालित पशु चिकित्सा संस्थाओं का जिलेवार विवरण

जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
श्रीगंगानगर 31 2641 7 146 224
हनुमानगढ़ 3 1 20 53 6 155 238
बीकानेर 3 1 27 62 9 171 273
चूरू 3 1 23 47 5 176 255
झुंझुनू 3 1 35 102 0 186 327
सीकर 31 31 94 10 232 371
जयपुर32 58 97 10 358 528
जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
अलवर 3 1 34 79 9 330 456
दौसा 3 1 17 42 5 128 196
भरतपुर 3 1 23 52 7 246 332
धौलपुर 3 1 12 25 5 62 108
करौली 3 1 12 31 7 101 155
सवाईमाधोपुर 3 1 15 24 6 123 172
टोंक 3 1 18 42 5 121 190
अजमेर 3 1 30 67 5 162 268
नागौर 6 1 37 103 11 292 450

यह भी पढ़ेंः राजस्थान कांग्रेस में राजनीति नियुक्तियों का दौर, जिला स्तर पर 65 समितियों में कार्यकर्ताओं को मिली जिम्मेदारी...यहां देखें लिस्ट

जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
भीलवाड़ा 3 1 38 68 10 179 299
पाली 3 1 26 65 5 153 253
जोधपुर 3 2 33 86 8 218 350
जैसलमेर 3 1 12 28 1 66 111
बाड़मेर 3 1 30 69 5 203 311
जालोर 3 1 19 37 6 154 220
सिरोही 3 1 13 29 7 89 142
उदयपुर 3 1 36 70 6 317 433
डूंगरपुर 3 1 23 43 6 176 252

यह भी पढ़ेंः पटाखे बेचने और जलाने पर अब नहीं लगेगा जुर्माना, गृह विभाग ने जारी की नई अधिसूचना

साल 2018 में पशुधन सहायक भर्ती में 2115 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति आदेश जारी कर उन्हें पदस्थापन किया जा चुका है और 18 चयनित अभ्यर्थियों का पदस्थापन किया जाना प्रक्रियाधीन है. बीते बजट घोषणा के कारण 600 नवीन पशु चिकित्सा केंद्रों हेतु पशुधन सहायकों 600 नवीन पद स्वीकृत किए जा चुके हैं. 600 नवीन पशु चिकित्सा केंद्रों में से 571 पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले जा चुके हैं. इन पदों पर भर्ती के क्रम में शीघ्र ही कर्मचारी चयन बोर्ड को भेज दिया जाएगा.

जिलामोबाइल यूनिटपॉली क्लीनिकप्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयपशु चिकित्सालयपशु औषधालयपशु चिकित्सा उपकेंद्रकुल
बांसवाड़ा 3 1 23 50 6 138 221
चित्तौड़गढ़ 3 1 19 44 7 147 221
राजसमंद 3 1 17 34 4 126 185
बूंदी 3 1 12 21 4 102 143
कोटा 3 1 15 29 4 97 149
बारां 3 1 18 30 4 108 164
झालावाड़ 37 1 22 25 4 102 15
प्रतापगढ़ 3 1 12 20 4 103 143
कुल 102 35 786 1709 198 5467 8297

प्रदेश में पशु चिकित्सा केंद्र खोलने के मापदंड

  • ग्रामीण क्षेत्र

ग्रामीण इलाके में पशु चिकित्सा केंद्र खोलने के लिए निकटतम पशु चिकित्सालय या उप केंद्र और संस्था से 6 किलोमीटर दूरी होना चाहिए. न्यूनतम कुल पशुधन की संख्या 6 किलोमीटर की परिधि में करीब 5000 होनी चाहिए. पक्की सड़क, पानी, बिजली, दूरभाष की सुविधाएं उपलब्ध होने पर पशु चिकित्सालय को प्राथमिकता दी जाती है, तो वहीं 200 वर्ग गज जमीन और तीन से चार कमरों का पक्का निशुल्क भवन उपलब्ध होने पर ही पशु चिकित्सालय को प्राथमिकता दी जाती है.

यह भी पढ़ेंः सियासी टूर : किसान सम्मेलन के जरिए राजनीतिक जमीन सींचने उतरेंगे सचिन पायलट

  • शहरी क्षेत्र

शहरी इलाकों में निकटतम पशु चिकित्सालय केंद्र एवं संस्था से 4 किलोमीटर दूरी होना चाहिए. न्यूनतम पशुधन की संख्या 4 किलोमीटर की परिधि में लगभग 3000 होनी चाहिए. पक्की सड़क, बिजली, पानी दूरभाष की सुविधाएं उपलब्ध होने पर प्राथमिकता दी जाती है, तो वहीं 150 वर्ग गज जमीन की उपलब्धता और 4 कमरों का पक्का निशुल्क भवन उपलब्ध होने पर पशु चिकित्सालय या उप केंद्र को प्राथमिकता दी जाती है.

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