जयपुर. राजस्थान पशुधन मामले में देशभर में नंबर दो पर आता, ऐसे में वेटनरी डॉक्टरों की संख्या भी पशुधन के हिसाब से अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन अभी राजस्थान में पशुधन के हिसाब से वेटनरी डॉक्टरों का टोटा है. हालांकि, सरकार रिक्त पदों को भरने के लिए लगाता कोशिश कर रही है.
दरअसल, राजस्थान में देश के प्रमुख पशुओं में से 10.76 फीसदी प्रवास करते हैं. हालात यह है कि पूरे देश में मौजूद 2 लाख 52 हजार ऊंटो में से राजस्थान में 84 हजार ऊंट राजस्थान में हैं. ऊंट को तो रेगिस्तानी जहाज कहा जाता है, ऐसे में देश के सबसे ज्यादा ऊंट राजस्थान में हैं, लेकिन बकरियों की संख्या में भी राजस्थान देश में नंबर 1 है, तो वही भैंसों की संख्या में नंबर दो , भेड़ वंश की संख्या में नंबर 4, अश्व वंश की संख्या में नंबर तीन और गोवंश की संख्या में राजस्थान का नंबर 6 आता है. इस तरीके से इन प्रमुख पशुओं की बात की जाए तो राजस्थान देश में नंबर दो पर आता है और देश में कुल पशुधन में से राजस्थान में 10.76 फीसदी पशुधन है.
साल 2019 की पशुधन जनगणना के अनुसार प्रदेश पशुओं की संख्या
पशु वंश | देश में | राज्य में | देश में स्थान | देश में औसत |
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बकरी | 488.85 लाख | 208.40 लाख | 1 | 14 फीसदी |
ऊंट | 2.52 लाख | 2.13 लाख | 1 | 84.43 फीसदी |
भैंस | 1098.52 लाख | 136.93 लाख | 2 | 12.47 फीसदी |
भेड़ | 742.61 लाख | 79.04 लाख | 4 | 10.64 फीसदी |
अश्व | 3.42 लाख | 0.34 लाख | 3 | 9.84 फीसदी |
गाय | 1925.23 लाख | 139.12 लाख | 6 | 7.23 फीसदी |
कुल | 5261.15 लाख | 565.96 लाख | 2 | 10.76 फीसदी |
वेटरनरी डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा राजस्थान
राजस्थान पशुधन मामले में देशभर में नंबर दो पर आता, ऐसे में वेटनरी डॉक्टरों की संख्या भी पशुधन के हिसाब से अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन अभी राजस्थान में पशुधन के हिसाब से वेटनरी डॉक्टरों का टोटा है. ऐसा नहीं है कि सरकार वेटनरी डॉक्टरों की भरपाई करने की कोशिश नहीं कर रही है. आलम ये है कि राजस्थान में वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद 1124 हैं, उनमें से वर्तमान में 221 पद खाली हैं. वहीं, पशु चिकित्सा अधिकारी के स्वीकृत पद कुल 1936 हैं, जिनमें से 1032 पद रिक्त हैं. इस कमी को पूरा करने के लिए 900 पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर ने दिनांक 2 अगस्त 2020 को लिखित परीक्षा करवा ली है. आयोग की ओर से लिखित परीक्षा का परिणाम जारी भी किया जा चुका है, लेकिन प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से साक्षात्कार के लिए अभी समय तय नहीं किया गया है.
राजस्थान में संचालित पशु चिकित्सा संस्थाओं का जिलेवार विवरण
जिला | मोबाइल यूनिट | पॉली क्लीनिक | प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय | पशु चिकित्सालय | पशु औषधालय | पशु चिकित्सा उपकेंद्र | कुल |
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श्रीगंगानगर | 3 | 1 | 26 | 41 | 7 | 146 | 224 |
हनुमानगढ़ | 3 | 1 | 20 | 53 | 6 | 155 | 238 |
बीकानेर | 3 | 1 | 27 | 62 | 9 | 171 | 273 |
चूरू | 3 | 1 | 23 | 47 | 5 | 176 | 255 |
झुंझुनू | 3 | 1 | 35 | 102 | 0 | 186 | 327 |
सीकर | 3 | 1 | 31 | 94 | 10 | 232 | 371 |
जयपुर | 3 | 2 | 58 | 97 | 10 | 358 | 528 |
जिला | मोबाइल यूनिट | पॉली क्लीनिक | प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय | पशु चिकित्सालय | पशु औषधालय | पशु चिकित्सा उपकेंद्र | कुल |
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अलवर | 3 | 1 | 34 | 79 | 9 | 330 | 456 |
दौसा | 3 | 1 | 17 | 42 | 5 | 128 | 196 |
भरतपुर | 3 | 1 | 23 | 52 | 7 | 246 | 332 |
धौलपुर | 3 | 1 | 12 | 25 | 5 | 62 | 108 |
करौली | 3 | 1 | 12 | 31 | 7 | 101 | 155 |
सवाईमाधोपुर | 3 | 1 | 15 | 24 | 6 | 123 | 172 |
टोंक | 3 | 1 | 18 | 42 | 5 | 121 | 190 |
अजमेर | 3 | 1 | 30 | 67 | 5 | 162 | 268 |
नागौर | 6 | 1 | 37 | 103 | 11 | 292 | 450 |
जिला | मोबाइल यूनिट | पॉली क्लीनिक | प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय | पशु चिकित्सालय | पशु औषधालय | पशु चिकित्सा उपकेंद्र | कुल |
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भीलवाड़ा | 3 | 1 | 38 | 68 | 10 | 179 | 299 |
पाली | 3 | 1 | 26 | 65 | 5 | 153 | 253 |
जोधपुर | 3 | 2 | 33 | 86 | 8 | 218 | 350 |
जैसलमेर | 3 | 1 | 12 | 28 | 1 | 66 | 111 |
बाड़मेर | 3 | 1 | 30 | 69 | 5 | 203 | 311 |
जालोर | 3 | 1 | 19 | 37 | 6 | 154 | 220 |
सिरोही | 3 | 1 | 13 | 29 | 7 | 89 | 142 |
उदयपुर | 3 | 1 | 36 | 70 | 6 | 317 | 433 |
डूंगरपुर | 3 | 1 | 23 | 43 | 6 | 176 | 252 |
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साल 2018 में पशुधन सहायक भर्ती में 2115 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति आदेश जारी कर उन्हें पदस्थापन किया जा चुका है और 18 चयनित अभ्यर्थियों का पदस्थापन किया जाना प्रक्रियाधीन है. बीते बजट घोषणा के कारण 600 नवीन पशु चिकित्सा केंद्रों हेतु पशुधन सहायकों 600 नवीन पद स्वीकृत किए जा चुके हैं. 600 नवीन पशु चिकित्सा केंद्रों में से 571 पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोले जा चुके हैं. इन पदों पर भर्ती के क्रम में शीघ्र ही कर्मचारी चयन बोर्ड को भेज दिया जाएगा.
जिला | मोबाइल यूनिट | पॉली क्लीनिक | प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय | पशु चिकित्सालय | पशु औषधालय | पशु चिकित्सा उपकेंद्र | कुल |
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बांसवाड़ा | 3 | 1 | 23 | 50 | 6 | 138 | 221 |
चित्तौड़गढ़ | 3 | 1 | 19 | 44 | 7 | 147 | 221 |
राजसमंद | 3 | 1 | 17 | 34 | 4 | 126 | 185 |
बूंदी | 3 | 1 | 12 | 21 | 4 | 102 | 143 |
कोटा | 3 | 1 | 15 | 29 | 4 | 97 | 149 |
बारां | 3 | 1 | 18 | 30 | 4 | 108 | 164 |
झालावाड़ | 37 | 1 | 22 | 25 | 4 | 102 | 15 |
प्रतापगढ़ | 3 | 1 | 12 | 20 | 4 | 103 | 143 |
कुल | 102 | 35 | 786 | 1709 | 198 | 5467 | 8297 |
प्रदेश में पशु चिकित्सा केंद्र खोलने के मापदंड
- ग्रामीण क्षेत्र
ग्रामीण इलाके में पशु चिकित्सा केंद्र खोलने के लिए निकटतम पशु चिकित्सालय या उप केंद्र और संस्था से 6 किलोमीटर दूरी होना चाहिए. न्यूनतम कुल पशुधन की संख्या 6 किलोमीटर की परिधि में करीब 5000 होनी चाहिए. पक्की सड़क, पानी, बिजली, दूरभाष की सुविधाएं उपलब्ध होने पर पशु चिकित्सालय को प्राथमिकता दी जाती है, तो वहीं 200 वर्ग गज जमीन और तीन से चार कमरों का पक्का निशुल्क भवन उपलब्ध होने पर ही पशु चिकित्सालय को प्राथमिकता दी जाती है.
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- शहरी क्षेत्र
शहरी इलाकों में निकटतम पशु चिकित्सालय केंद्र एवं संस्था से 4 किलोमीटर दूरी होना चाहिए. न्यूनतम पशुधन की संख्या 4 किलोमीटर की परिधि में लगभग 3000 होनी चाहिए. पक्की सड़क, बिजली, पानी दूरभाष की सुविधाएं उपलब्ध होने पर प्राथमिकता दी जाती है, तो वहीं 150 वर्ग गज जमीन की उपलब्धता और 4 कमरों का पक्का निशुल्क भवन उपलब्ध होने पर पशु चिकित्सालय या उप केंद्र को प्राथमिकता दी जाती है.