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राजस्थान में सक्रिय अनेक संदिग्ध संगठनों पर इंटेलिजेंस रख रही नजर, सीक्रेट ऑपरेशन चला जुटाई जा रही जानकारी - सीक्रेट ऑपरेशन चला जुटाई जा रही जानकारी

कन्हैलाल हत्याकांड के बाद राजस्थान पुलिस एक्टिव मोड पर है. प्रदेश में हर एक हलचल पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. राजस्थान में सक्रिय अनेक संदिग्ध संगठनों पर इंटेलिजेंस पैनी नजर रख रही है. इतना ही नहीं, सीक्रेट ऑपरेशन चलाकर (Action of Rajasthan Security Agencies) जानकारी भी जुटाई जा रही है.

ADG Intelligence S. Sengathir
एडीजी इंटेलीजेंस एस. सेंगाथिर
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Published : Jul 14, 2022, 10:36 PM IST

जयपुर. उदयपुर जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी के व्हाट्सएप ग्रुप पर एक्टिव व जुड़े हुए राजस्थान के अलग-अलग जिलों के लोगों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां राजस्थान इंटेलिजेंस व राजस्थान पुलिस की एसआईटी ने जुटाई है. जहां पहले केवल दावत-ए-इस्लामी संगठन और उससे जुड़े हुए लोगों की हरकतें ही संदिग्ध मानी जा रही थी, तो वहीं इंटेलिजेंस की जांच में ऐसे अनेक संगठनों के नाम सामने आए हैं जिनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गई है. इनमें से कई संगठनों का संपर्क पाकिस्तान से या पाकिस्तान से संबंध रखने वाले अन्य संगठनों से पाया गया है. अनुसंधान के दौरान यह तथ्य उजागर होने के बाद इंटेलिजेंस द्वारा पूरे प्रदेश में सीक्रेट ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

अनुसंधान में सामने आ रहे तथ्यों के आधार पर ले रहे एक्शन : राजस्थान इंटेलिजेंस एडीजी एस. सेंगाथिर ने बताया कि राजस्थान इंटेलिजेंस को समय-समय पर ऐसे विभिन्न संगठनों के बारे में सूचना प्राप्त होती रहती है, जिनका संपर्क आतंकवादी समूह से होता है. ऐसे संगठनों की जानकारी जुटाने के बाद उस संगठन से जुड़े हुए लोगों को आईडेंटिफाई कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. वहीं, वर्तमान में उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद (Udaipur Murder Case) दावत-ए-इस्लामी संगठन का जो मॉड्यूल राजस्थान में उजागर हुआ है, उसके आधार पर अब आगे कार्रवाई की जा रही है.

एडीजी इंटेलीजेंस एस. सेंगाथिर ने क्या कहा...

पढ़ें : NIA तलाश रही दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े 40 लोग, पाकिस्तान से दी जा रही थी ऑनलाइन ट्रेनिंग

उदयपुर प्रकरण के बाद इंटेलिजेंट द्वारा की गई जांच में दावत-ए-इस्लामी के अलावा (Dawat E Islami in Rajasthan) विभिन्न संगठनों के नाम सामने आए हैं. इन संगठनों से जुड़े हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है और साथ ही अनुसंधान के दौरान जो तथ्य उजागर हो रहे हैं, उनके आधार पर एक्शन लिया जा रहा है. संगठन की गतिविधियों के साथ ही संगठन से जुड़े हुए लोगों की किस तरह की गतिविधियां हैं और वह किस तरह से दूसरे लोगों को जोड़ने या उन्हें उकसाने का काम कर रहे हैं, इसके बारे में सीक्रेट ऑपरेशन चलाकर तमाम जानकारियां जुटाई जा रही हैं.

जयपुर. उदयपुर जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज अत्तारी के व्हाट्सएप ग्रुप पर एक्टिव व जुड़े हुए राजस्थान के अलग-अलग जिलों के लोगों के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां राजस्थान इंटेलिजेंस व राजस्थान पुलिस की एसआईटी ने जुटाई है. जहां पहले केवल दावत-ए-इस्लामी संगठन और उससे जुड़े हुए लोगों की हरकतें ही संदिग्ध मानी जा रही थी, तो वहीं इंटेलिजेंस की जांच में ऐसे अनेक संगठनों के नाम सामने आए हैं जिनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गई है. इनमें से कई संगठनों का संपर्क पाकिस्तान से या पाकिस्तान से संबंध रखने वाले अन्य संगठनों से पाया गया है. अनुसंधान के दौरान यह तथ्य उजागर होने के बाद इंटेलिजेंस द्वारा पूरे प्रदेश में सीक्रेट ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

अनुसंधान में सामने आ रहे तथ्यों के आधार पर ले रहे एक्शन : राजस्थान इंटेलिजेंस एडीजी एस. सेंगाथिर ने बताया कि राजस्थान इंटेलिजेंस को समय-समय पर ऐसे विभिन्न संगठनों के बारे में सूचना प्राप्त होती रहती है, जिनका संपर्क आतंकवादी समूह से होता है. ऐसे संगठनों की जानकारी जुटाने के बाद उस संगठन से जुड़े हुए लोगों को आईडेंटिफाई कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. वहीं, वर्तमान में उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद (Udaipur Murder Case) दावत-ए-इस्लामी संगठन का जो मॉड्यूल राजस्थान में उजागर हुआ है, उसके आधार पर अब आगे कार्रवाई की जा रही है.

एडीजी इंटेलीजेंस एस. सेंगाथिर ने क्या कहा...

पढ़ें : NIA तलाश रही दावत-ए-इस्लामी संगठन से जुड़े 40 लोग, पाकिस्तान से दी जा रही थी ऑनलाइन ट्रेनिंग

उदयपुर प्रकरण के बाद इंटेलिजेंट द्वारा की गई जांच में दावत-ए-इस्लामी के अलावा (Dawat E Islami in Rajasthan) विभिन्न संगठनों के नाम सामने आए हैं. इन संगठनों से जुड़े हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है और साथ ही अनुसंधान के दौरान जो तथ्य उजागर हो रहे हैं, उनके आधार पर एक्शन लिया जा रहा है. संगठन की गतिविधियों के साथ ही संगठन से जुड़े हुए लोगों की किस तरह की गतिविधियां हैं और वह किस तरह से दूसरे लोगों को जोड़ने या उन्हें उकसाने का काम कर रहे हैं, इसके बारे में सीक्रेट ऑपरेशन चलाकर तमाम जानकारियां जुटाई जा रही हैं.

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