जयपुर. नागौर से रालोपा सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में शिक्षा से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए. बेनीवाल ने कहा कि आजादी के इतने दिनों के बाद भी देश के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पाई है. जो परिकल्पना देश के निर्माताओं ने की थी उससे हम कोसों दूर हैं.
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि 1.5 मिलियन स्कूलों, 8.5 मिलियन अध्यापकों और 250 मिलियन से अधिक छात्रों वाले दुनिया के सबसे बड़े स्कूली नेटवर्क में हमें प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने की जरूरत है. बेनीवाल ने कहा कि 5वीं में पढ़ने वाले बच्चे दूसरी क्लास की पुस्तक तक नहीं पढ़ पाते हैं.
बेनीवाल ने शिक्षा मंत्री से वंचित तबके के स्टूडेंट्स के लिए प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में निशुल्क सहायता देने की मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने की बात कहती है लेकिन आज भी हजारों स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों के बैठने के लिए छत नहीं है. कई स्कूल केवल एक शिक्षके के भरोसे चल रहे हैं. ऐसे में ये स्थिति कैसे सुधरेगी.
नागौर सांसद ने कहा कि सरकार ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कहती है. लेकिन देश के छात्रों की एक बड़ी आबादी के पास इंटरनेट और स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है. इस दिशा में सरकार क्या कदम उठाने जा रही है. बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में 1674 स्कूल और देश में 17538 स्कूल बिना भवन के चल रहे हैं. 12313 सरकारी स्कूलों में शौचालय तक नहीं हैं. उन्होंने सरकार से कॉलेजों में अनुसंधान को बढ़ावा देने की मांग की.