जयपुर. शादी में 3 घंटे की पाबंदी को लेकर गृह विभाग ने साफ कर दिया है कि शादियां पूरे रीति रिवाज से हो सकती है. उन पर कोई समय की पाबंदी नही है. शादी में तीन घंटे की पाबंदी 50 महमानों के सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार आने और भोजन करने के लिए हैं. दरअसल गृह विभाग की ओर से एक दिन पहले जारी हुई गाइडलाइन ने शादी करने वाले लोगों का चैन छीन लिया था. शादी के लिए महज तीन घंटे मिलने की वजह से लोग समझ नहीं पा रहे थे कि तीन घंटे में पूरी शादी को निपटाना कैसे संभव हो पाएगा.
इस परेशानी को समझते हुए गृह विभाग के सचिव अभय कुमार ने बताया कि शादी में तीन घंटे 50 महमानों के सोशल डिस्टेंसिंग के अनुसार आने और भोजन करने के लिए हैं. इसके अलावा दूल्हा और दुल्हन के परिजन रीति रिवाज के मुताबिक शादी कर सकेंगे. कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत सामाजिक दूरी की पालना करवाने, मास्क लगवाने के साथ ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन एवं संयुक्त दल बनाने के लिए 25 अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए गृह विभाग ने पुलिस के सहयोग के लिए तीन हजार होम गार्ड जवानों को नियोजित करने की सशर्त स्वीकृति दी है इनका खर्च एसडीआरएफ मद में से वहन किया जाएगा.
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गृह विभाग के ग्रुप सात के संयुक्त शासन सचिव देवेन्द्र कुमार ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं. गौरतलब है कि पिछले साल भी कोरोना के दौरान होमगार्ड ने अपनी जिम्मेदारी का ना केवल पूरी तरह से पालन किया था, बल्कि कोविड गाइडलाइन की पालना करवाने से लेकर गरीब लोगों को खाना खिलाने तक अपनी अहम भूमका निभाई थी.
आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट देने में छूट
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को यात्रा शुरू करने के 72 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य है. इस तरह की रिपोर्ट पेश नहीं करने पर 15 दिन का अनिवार्य क्वॉरेंटाइन करना अनिवार्य किया गया है. गृह विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि विधि विभाग के प्रस्ताव के अनुसार संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों और चिकित्सा कर्मियों को इससे मुक्त किया गया है. इस आदेश के बाद चिकित्साकर्मी या संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों को दूसरे प्रदेश से आने पर आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य नहीं होगा.