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दोनों पांवों से दिव्यांग बताकर किया भर्ती से बाहर, राजस्थान हाईकोर्ट ने दी राहत

राजस्थान हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर त्वचा रोग भर्ती-2020 में याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. पवन की याचिका पर दिए.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Mar 9, 2021, 7:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर त्वचा रोग भर्ती-2020 में याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. पवन की याचिका पर दिए.

पढ़ें: चूरू एसीबी की कार्रवाई, ग्राम विकास अधिकारी 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी और अधिवक्ता महेश पारीक ने अदालत को बताया कि आरपीएससी की ओर से 17 जनवरी 2020 को निकाली असिस्टेंट प्रोफेसर त्वचा रोग में आवेदन किया किया था. आयोग ने गत 4 मार्च को उसका आवेदन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि वह दोनों पांव से दिव्यांग है.

राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने आवेदन पत्र के साथ दिव्यांग प्रमाप पत्र भी पेश किया था. प्रमाण पत्र में उसे सिर्फ एक पांव से ही दिव्यांग बताया गया है. ऐसे में आयोग ने उसका आवेदन गलत तरीके से रद्द किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर त्वचा रोग भर्ती-2020 में याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और आरपीएससी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश डॉ. पवन की याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी और अधिवक्ता महेश पारीक ने अदालत को बताया कि आरपीएससी की ओर से 17 जनवरी 2020 को निकाली असिस्टेंट प्रोफेसर त्वचा रोग में आवेदन किया किया था. आयोग ने गत 4 मार्च को उसका आवेदन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि वह दोनों पांव से दिव्यांग है.

राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने आवेदन पत्र के साथ दिव्यांग प्रमाप पत्र भी पेश किया था. प्रमाण पत्र में उसे सिर्फ एक पांव से ही दिव्यांग बताया गया है. ऐसे में आयोग ने उसका आवेदन गलत तरीके से रद्द किया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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