जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना कारण बताए नर्सिंगकर्मी को एपीओ करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और सीएमएचओ झुंझुनू सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता के एपीओ आदेश पर रोक लगाते हुए उसे पूर्व के स्थान पर ही काम करते रहने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश धनपति की ओर से दायर याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता झुंझुनू के सूरजगढ़ स्वास्थ्य उपकेंद्र में एनएम पद पर तैनात थी. विभाग ने गत 8 मई को आदेश जारी कर उसे एपीओ कर दिया और अतिरिक्त निदेशक प्रशासन के जयपुर स्थित कार्यालय में उपस्थिति के लिए निर्देश दे दिए.
पढ़ेंः CM अशोक गहलोत ने की 'इंदिरा प्रियदर्शिनी बेबी किट' वितरण कार्यक्रम की शुरूआत
याचिका में कहा गया कि किसी भी कर्मचारी को एपीओ करते समय राजस्थान सर्विस नियम के नियम 25 ए के तहत कारण बताना जरूरी है. इसके अलावा कोरोना संक्रमण के चलते भी तबादलों पर पाबंदी है. इसके बावजूद याचिकाकर्ता को बिना कारण बताए बिना एपीओ कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एपीओ आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.