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Rajasthan Highcourt Order: खड्डा बस्ती से धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में एक माह में सरकार करे निर्णय - undefined

राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने राज्य सरकार को कहा है कि वह एक माह में आदर्श नगर के पास स्थित खाली कराई गई खड्डा बस्ती में मौजूद 2 धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में एक माह में निर्णय करें.

Rajasthan Highcourt Order
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Published : May 23, 2022, 11:10 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने राज्य सरकार को कहा है कि वह एक माह में आदर्श नगर के पास स्थित खाली कराई गई खड्डा बस्ती में मौजूद 2 धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में एक माह में निर्णय करें. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने हेरिटेज निगम आयुक्त को 18 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस पंकज भंडारी ने यह आदेश साकेत कॉलोनी विकास समिति की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि हाइकोर्ट ने 6 नवंबर 2017 को राज्य सरकार को यहाँ मौजूद 55 प्लॉट की जमीन को अतिक्रमियों से खाली कराने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही यहाँ बने दो धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में आदेश देने से इनकार करते हुए इन्हें हटाने के संबंध में राज्य सरकार को निर्णय करने को कहा था. इसके बावजूद अभी तक इन धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया है.

इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया की जमीन खाली करवाकर प्रभावितों को जयसिंहपुरा खोर में बसा दिया गया है. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया की जेडीए ने एक धार्मिक स्थल को वहां 14 बिस्वा जमीन भी आवंटित कर दी है, लेकिन अभी तक खड्डा बस्ती से इन्हें नहीं हटाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने दोनों धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में एक माह में निर्णय लेकर अदालत को अवगत कराने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर खंडपीठ ने हेरिटेज निगम आयुक्त को 18 जुलाई तो तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने राज्य सरकार को कहा है कि वह एक माह में आदर्श नगर के पास स्थित खाली कराई गई खड्डा बस्ती में मौजूद 2 धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में एक माह में निर्णय करें. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने हेरिटेज निगम आयुक्त को 18 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं. जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस पंकज भंडारी ने यह आदेश साकेत कॉलोनी विकास समिति की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अवमानना याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि हाइकोर्ट ने 6 नवंबर 2017 को राज्य सरकार को यहाँ मौजूद 55 प्लॉट की जमीन को अतिक्रमियों से खाली कराने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही यहाँ बने दो धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में आदेश देने से इनकार करते हुए इन्हें हटाने के संबंध में राज्य सरकार को निर्णय करने को कहा था. इसके बावजूद अभी तक इन धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया है.

इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया की जमीन खाली करवाकर प्रभावितों को जयसिंहपुरा खोर में बसा दिया गया है. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया की जेडीए ने एक धार्मिक स्थल को वहां 14 बिस्वा जमीन भी आवंटित कर दी है, लेकिन अभी तक खड्डा बस्ती से इन्हें नहीं हटाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने दोनों धार्मिक स्थलों को हटाने के संबंध में एक माह में निर्णय लेकर अदालत को अवगत कराने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर खंडपीठ ने हेरिटेज निगम आयुक्त को 18 जुलाई तो तलब किया है.

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