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Rajasthan High Court Verdict : करौली हिंसा मामले में 6 से अधिक आरोपियों को मिली जमानत...

राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली में नव संवत्सर के मौके पर बाइक रैली पर पथराव के बाद हुई हिंसा, आगजनी और उपद्रव के मामले में 6 से अधिक (HC on Karauli Violence) आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस सीके सोनगरा की एकलपीठ ने यह आदेश रविन्द्र, पुष्पेन्द्र और विपिन सहित अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

HC on Karauli Violence
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : May 5, 2022, 4:46 PM IST

जयपुर. करौली हिंसा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने (Rajasthan High Court Verdict) बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने 6 से अधिक आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जमानत याचिकाओं में अधिवक्ता अनिल उपमन और अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर याचिकाकर्ताओं पर कोई विशिष्ट आरोप नहीं है. इसके अलावा अभियोजन पक्ष के पास याचिकाकर्ताओं को लेकर कोई साक्ष्य भी नहीं है.

उनसे कोई बरामदगी भी नहीं हुई है. प्रकरण में उन्हें सिर्फ राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि प्रकरण की जांच जारी है. यदि उन्हें जमानत दी गई तो जांच प्रभावित हो सकती है. इसलिए आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें : करौली हिंसा मामलाः मुख्य आरोपियों की संपत्ति की जाएगी कुर्क, पुलिस ने अदालत में वारंट किया पेश

पढ़ें : Karauli Violence: जांबाज नेत्रेश ने जान की परवाह किए बिना बचाई 4 जिंदगियां...सीएम ने की फोन पर बात...हेड कांस्टेबल पद पर दी पदोन्नित

गौरतलब है कि नव संवत्सर के मौके पर करौली में बाइक रैली निकाली जा रही थी. इस दौरान रैली पर पथराव किया गया और बाद में (Politics on Karauli Violence) घटना ने बड़ा रूप ले लिया. इस दौरान आगजनी और उपद्रव किया गया. घटना को लेकर दर्जनों लोगों को चिन्हित करते हुए कई एफआईआर दर्ज कराई गई.

जयपुर. करौली हिंसा मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने (Rajasthan High Court Verdict) बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने 6 से अधिक आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जमानत याचिकाओं में अधिवक्ता अनिल उपमन और अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर याचिकाकर्ताओं पर कोई विशिष्ट आरोप नहीं है. इसके अलावा अभियोजन पक्ष के पास याचिकाकर्ताओं को लेकर कोई साक्ष्य भी नहीं है.

उनसे कोई बरामदगी भी नहीं हुई है. प्रकरण में उन्हें सिर्फ राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए, जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि प्रकरण की जांच जारी है. यदि उन्हें जमानत दी गई तो जांच प्रभावित हो सकती है. इसलिए आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

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गौरतलब है कि नव संवत्सर के मौके पर करौली में बाइक रैली निकाली जा रही थी. इस दौरान रैली पर पथराव किया गया और बाद में (Politics on Karauli Violence) घटना ने बड़ा रूप ले लिया. इस दौरान आगजनी और उपद्रव किया गया. घटना को लेकर दर्जनों लोगों को चिन्हित करते हुए कई एफआईआर दर्ज कराई गई.

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