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अदालतों में कोरोना का कर्फ्यू, केवल अर्जेंट मामलों पर ही होगी सुनवाई

जयपुर में मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें न्यायाधीशों, एएसजी, महाधिवक्ता और वकीलों के प्रतिनिधी शामिल रहें. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि रोजाना हर बेंच पर 25 महत्वपूर्ण मामलों पर ही सुनवाई की जाएगी. ये निर्णय कोरोना वायरस के चलते लिया गया है.

कोरोना वायरस, jaipur news
राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस को लेकर उठाएं सख्त कदम
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Published : Mar 17, 2020, 8:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेश के अधीनस्थ अदालतों में कोरोना का कर्फ्यू लग गया है. इस माह अदालतों में सिर्फ अर्जेंट मामलों पर सुनवाई की जाएगी. इसके अलावा संक्रमण रोकने के लिए अदालतों की सभी कैंटीन को भी बंद रखा जाएगा और हाईकोर्ट में पक्षकारों के भी पास जारी नहीं किए जाएंगे.

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति की अध्यक्षता में मंगलवार को न्यायाधीशों, एएसजी, महाधिवक्ता और वकीलों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिए गए. बैठक में तय किया गया कि हाईकोर्ट में रोजाना हर बेंच करीब 25 महत्वपूर्ण मामलों पर ही सुनवाई करेगी. इसके लिए 12 मामले भोजन अवकाश से पहले और 13 मामले बाद में सुने जाएंगे. इसके लिए संबंधित वकील को संबंधित रजिस्ट्रार के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश करना होगा.

वहीं, वकीलों को कहा गया है कि वे ज्यादा जरूरी होने पर ही पक्षकारों को अदालतों में लाएं. इसके साथ ही अदालत कक्ष में सिर्फ मुकदमे से संबंधित वकील को ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके लिए वकील को मास्क और ग्लब्स भी मुहैया कराए जाएंगे.

पढ़ें- Exclusive: राज्यसभा चुनाव में नाम वापसी को लेकर भाजपा के 'दांव', लेकिन कटारिया के संकेत कुछ और...

बता दें कि बैठक में निचली अदालतों के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत निचली अदालतों को भी अति आवश्यक मामलों की सुनवाई को कहा गया है. वहीं गवाहों, पक्षकारों और प्रकरणों से जुड़े अन्य व्यक्तियों को उपस्थिति में छूट दी गई है. इसके अलावा आरोपियों की सुनवाई वीसी से तय की गई है. वहीं सभी अदालतों में विधि छात्रों और इन्टर्न का प्रवेश रोक दिया गया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट सहित प्रदेश के अधीनस्थ अदालतों में कोरोना का कर्फ्यू लग गया है. इस माह अदालतों में सिर्फ अर्जेंट मामलों पर सुनवाई की जाएगी. इसके अलावा संक्रमण रोकने के लिए अदालतों की सभी कैंटीन को भी बंद रखा जाएगा और हाईकोर्ट में पक्षकारों के भी पास जारी नहीं किए जाएंगे.

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति की अध्यक्षता में मंगलवार को न्यायाधीशों, एएसजी, महाधिवक्ता और वकीलों के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में इस संबंध में निर्णय लिए गए. बैठक में तय किया गया कि हाईकोर्ट में रोजाना हर बेंच करीब 25 महत्वपूर्ण मामलों पर ही सुनवाई करेगी. इसके लिए 12 मामले भोजन अवकाश से पहले और 13 मामले बाद में सुने जाएंगे. इसके लिए संबंधित वकील को संबंधित रजिस्ट्रार के समक्ष प्रार्थना पत्र पेश करना होगा.

वहीं, वकीलों को कहा गया है कि वे ज्यादा जरूरी होने पर ही पक्षकारों को अदालतों में लाएं. इसके साथ ही अदालत कक्ष में सिर्फ मुकदमे से संबंधित वकील को ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके लिए वकील को मास्क और ग्लब्स भी मुहैया कराए जाएंगे.

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बता दें कि बैठक में निचली अदालतों के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत निचली अदालतों को भी अति आवश्यक मामलों की सुनवाई को कहा गया है. वहीं गवाहों, पक्षकारों और प्रकरणों से जुड़े अन्य व्यक्तियों को उपस्थिति में छूट दी गई है. इसके अलावा आरोपियों की सुनवाई वीसी से तय की गई है. वहीं सभी अदालतों में विधि छात्रों और इन्टर्न का प्रवेश रोक दिया गया है.

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