ETV Bharat / city

राजस्थान हाई कोर्टः अवैध वसूली मामले में निलंबित श्रम आयुक्त झाझड़िया को मिली जमानत - श्रम आयुक्त झाझड़िया को मिली जमानत

श्रम विभाग में दलालों के जरिए अवैध वसूली से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

राजस्थान हाई कोर्ट, Rajasthan High Court
राजस्थान हाई कोर्ट
author img

By

Published : Jul 29, 2021, 7:49 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने श्रम विभाग में दलालों के जरिए अवैध वसूली से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि प्रकरण में उसने किसी तरह की रिश्वत राशि की मांग नहीं की है. एसीबी ने 3 लाख रुपए के साथ रवि मीणा को पकड़ा था. वह राशि रवि अपनी बेटी के इलाज के लिए लाया था. इसके अलावा घर से मिली 5 लाख रुपए की राशि उसके बहन के पति की है.

जमानत अर्जी में कहा गया कि एसीबी के पास बातचीत की कोई रिकॉर्डिंग भी नहीं है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए एएजी विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि आरोपी ने दलालों के जरिए सिलिकोसिस पीड़ितों की राशि को लेकर भ्रष्टाचार किया है. याचिकाकर्ता और उससे दलालों के बीच सोशल मीडिया पर भेजे गए मैसेज एसीबी के पास मौजूद हैं.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan High Court: स्टेट ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट नहीं करने पर मांगा जवाब

वहीं, दलाल रवि मीणा और अमित शर्मा के बीच हुई बातचीत से भी रिश्वत लेने की बात का सत्यापन हो रहा है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.

बता दें, ACB ने गत 25 मई को प्रतीक झाझड़िया और दलाल रवि मीणा और अमित शर्मा को गिरफ्तार किया था. आरोपी पार्षद को भी जमानत-शहर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 ने ग्रेटर निगम आयुक्त से मारपीट और अभद्रता से जुड़े मामले में निलंबित पार्षद शंकर शर्मा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद आरोपी ने गत दिनों अदालत में सरेंडर किया था. वहीं, पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर सहित तीन अन्य आरोपी पार्षद जमानत पर चल रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने श्रम विभाग में दलालों के जरिए अवैध वसूली से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे निलंबित श्रम आयुक्त प्रतीक झाझड़िया को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया कि प्रकरण में उसने किसी तरह की रिश्वत राशि की मांग नहीं की है. एसीबी ने 3 लाख रुपए के साथ रवि मीणा को पकड़ा था. वह राशि रवि अपनी बेटी के इलाज के लिए लाया था. इसके अलावा घर से मिली 5 लाख रुपए की राशि उसके बहन के पति की है.

जमानत अर्जी में कहा गया कि एसीबी के पास बातचीत की कोई रिकॉर्डिंग भी नहीं है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए. जिसका विरोध करते हुए एएजी विभूति भूषण शर्मा ने कहा कि आरोपी ने दलालों के जरिए सिलिकोसिस पीड़ितों की राशि को लेकर भ्रष्टाचार किया है. याचिकाकर्ता और उससे दलालों के बीच सोशल मीडिया पर भेजे गए मैसेज एसीबी के पास मौजूद हैं.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan High Court: स्टेट ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट नहीं करने पर मांगा जवाब

वहीं, दलाल रवि मीणा और अमित शर्मा के बीच हुई बातचीत से भी रिश्वत लेने की बात का सत्यापन हो रहा है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने आरोपी को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए.

बता दें, ACB ने गत 25 मई को प्रतीक झाझड़िया और दलाल रवि मीणा और अमित शर्मा को गिरफ्तार किया था. आरोपी पार्षद को भी जमानत-शहर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-3 ने ग्रेटर निगम आयुक्त से मारपीट और अभद्रता से जुड़े मामले में निलंबित पार्षद शंकर शर्मा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद आरोपी ने गत दिनों अदालत में सरेंडर किया था. वहीं, पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर सहित तीन अन्य आरोपी पार्षद जमानत पर चल रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.