जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर रोड स्थित अवाप्तशुदा जमीन पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालन करने पर एसीएस यूडीएच, जेडीए सचिव, नगर निगम आयुक्त और जेवीवीएनएल सहित प्रदूषण नियंत्रण मंडल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राजेश बागड़ा की जनहित याचिका पर दिए है.
याचिका में अधिवक्ता भरत व्यास ने अदालत को बताया कि अजमेर रोड-किग्स रोड कॉर्नर की जमीन को कई सालों पहले यूआईटी एक्ट के तहत व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के लिए अवाप्त किया गया था.अवाप्ति के खिलाफ दायर याचिका भी हाईकोर्ट खारिज कर चुका है.
वहीं अधिवक्ता ने बताया कि मास्टर प्लान 2011 और 2025 में इस भूमि का उपयोग नर्सरी के लिए आरक्षित होना दर्शाया गया है. इसके बावजूद इस अवाप्तशुदा जमीन जेडीए के अधिकारियों की मिलीभगत से कई लोग व्यावसायिक गतिविधियों, रेस्तरां और मार्बल बिक्री आदि का संचालन कर रहे हैं.
भरत व्यास ने बताया कि मिलीभगत कर जेवीवीएनएल से बिजली कनेक्शन भी लिया जा चुका है. जब इसकी शिकायत दर्ज कराई गई तो अफसरों ने कार्रवाई के बजाए जमीन को अवाप्ति से मुक्त करने की तैयारी कर ली. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.