जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रणथम्भौर नेशनल पार्क से एक साल के अंदर 6 टाइगर लापता होने पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख वन सचिव, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के सीसीएफ और एनजीओ टाइगर वॉच के धर्मेन्द्र खांडल को नोटिस जारी कर 23 अप्रैल तक जवाब मांगा है.
पढ़ें- सवाई माधोपुर: किरोड़ी लाल मीणा ने रणथंभौर के अधिकारियों पर लगाये मनमानी करने के आरोप
इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण को जनहित याचिका के तौर पर सूचीबद्ध करने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
पढ़ें- रणथंभौर नेशनल पार्क से 6 बाघ-बाघिन लापता, प्रशासन सवालों के घेरे में
गौरतलब है कि रणथम्भौर नेशनल पार्क में पिछले एक साल में छह टाइगर लापता होने को लेकर मीडिया में खबरों का प्रकाशन किया गया था. जिसमें बताया गया कि इस टाइगर रिजर्व से चार टाइगर और दो वयस्क हो रहे शावक लापता हो गए हैं. वन विभाग की ट्रेकिंग रिपोर्ट में पिछले दस महीने से इन बाघों के मूवमेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं आई है. इसके अलावा बीते करीब 14 साल में यहां से 30 से अधिक बाघ-बाघिन लापता हो चुके हैं. इनमें से 7 बाघ उम्रदराज, 12 वयस्क बाघ और 11 वयस्क बाघिन है.