जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार सहित सीबीएसई से पूछा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की अवधि में निजी स्कूलों की 3 माह की फीस के मुद्दे पर क्या कदम उठाए गए हैं.
इसके साथ ही अदालत ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निदेशक और सीबीएसई के चेयरमैन और सचिव को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है.
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश एसके शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश राजीव भूषण बंसल की जनहित याचिका पर दिए.
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जनहित याचिका में कहा गया कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन चल रहा है, जिससे लोगों के काम धंधे ठप हो गए हैं और लोग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं.
अधिकांश लोगों के पास आय का अन्य स्त्रोत भी नहीं है. ऐसे में लॉकडाउन की अवधि के दौरान निजी स्कूलों की फीस देना आमजन के लिए संभव नहीं होगा. फिलहाल, निजी स्कूलों का संचालन भी बंद है और वहां भी कामकाज नहीं हो रहा है.
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इसलिए अदालत निजी स्कूल संचालकों को निर्देश दिए कि वे विद्यार्थियों की 3 माह की फीस माफ करने के साथ ही आगामी सत्र में फीस में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी भी नहीं करें.
वहीं स्कूलों को सैनिटाइज करने सहित साफ-सफाई रखने और मास्क के संबंध में दिशा निर्देश जारी करें. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.