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राजस्थान हाईकोर्टः कारगिल में शहीद हुए लांस नायक के आश्रित को नौकरी क्यों नहीं दी ?

कारगिल युद्ध में शहीद हुए लांस नायक के आश्रित को नोकरी नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव समेत कई अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court hearing
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Aug 27, 2021, 8:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए लांस नायक के आश्रित को सरकारी नौकरी नहीं देने पर मुख्य सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव, संभागीय आयुक्त और झुंझुनूं कलेक्टर से जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश भूपेन्द्र सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के पिता लांस नायक भगवान सिंह कारगिल युद्ध के दौरान 28 जून 1999 को सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हो गए थे. शहादत के समय याचिकाकर्ता अवयस्क था. याचिकाकर्ता के बालिग होने पर उसने शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने के नियमों के तहत आवेदन किया.

पढ़ेंः बड़ी खबर : सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

लेकिन तय शैक्षणिक योग्यता और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी उसे नियुक्ति नहीं दी जा रही है. याचिका में गुहार की गई है कि उसे एलडीसी पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए लांस नायक के आश्रित को सरकारी नौकरी नहीं देने पर मुख्य सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव, संभागीय आयुक्त और झुंझुनूं कलेक्टर से जवाब मांगा है. न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश भूपेन्द्र सिंह की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता के पिता लांस नायक भगवान सिंह कारगिल युद्ध के दौरान 28 जून 1999 को सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हो गए थे. शहादत के समय याचिकाकर्ता अवयस्क था. याचिकाकर्ता के बालिग होने पर उसने शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने के नियमों के तहत आवेदन किया.

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लेकिन तय शैक्षणिक योग्यता और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी उसे नियुक्ति नहीं दी जा रही है. याचिका में गुहार की गई है कि उसे एलडीसी पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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