जयपुर. सरकारी मेडिकल कॉलेजों के पीजी मेडिकल कोर्स में 89 अतिरिक्त सीटों को ईडब्ल्यूएस वर्ग में शामिल नहीं किया गया था. उन्हें वर्ग में शामिल किए बिना ही पहले राउंड की काउंसलिंग भी कर दी गई. जिसको लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने neet-pg बोर्ड के चेयरमैन से शपथ पत्र मांगा है.
इसके साथ ही अदालत ने संबंधित राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों से स्पष्टीकरण मांगा है कि उन्होंने पहले राउंड की काउंसलिंग से पहले बोर्ड को सीट मैट्रिक्स क्यों नहीं दिया. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने ये आदेश विशाल मित्तल की याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि एमसीआई ने पिछले 27 फरवरी को पत्र जारी कर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के पीजी कोर्स में अतिरिक्त 89 सीटों को ईडब्ल्यूएस वर्ग में शामिल करने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद इन सीटों को शामिल किए बिना ही पिछले 11 अप्रैल से पहले राउंड की काउंसलिंग कर 26 अप्रैल को उसका परिणाम भी जारी कर दिया.
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वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि संबंधित कॉलेजों ने काउंसलिंग से पहले सीट मैट्रिक्स नहीं भेजा. जिसके चलते इन सीटों को ईडब्ल्यूएस वर्ग में शामिल नहीं किया जा सका. राज्य सरकार का जवाब सुनकर अदालत ने कहा कि अभी ये स्पष्ट नहीं किया गया है कि 89 सीटों को शामिल भी किया जाएगा या नहीं. इसके साथ ही अदालत ने बोर्ड चेयरमैन से शपथ पत्र मांगते हुए संबंधित कॉलेजो के प्राचार्य से स्पष्टीकरण पेश करने को कहा है.